
किसानों के बीच अभियान को लेकर भारी उत्साह, बड़ी संख्या में पहुंचे किसान
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने खेतों में जाकर खेती की विभिन्न तकनीकों का लिया जायजा
कृषि विभाग का अमला और किसान मिलकर खेती की दशा और दिशा बदलेंगे – श्री शिवराज सिंह
खेती को जीने की कोशिश करता हूं। किसान का बेटा हूं। ट्रैक्टर भी चलाता हूं। बुआई भी करता हूं – श्री चौहान
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, खेती के बिना हिंदुस्तान की पहचान अधूरी – श्री शिवराज सिंह
अगर उत्पादन एक-एक क्विंटल टन भी बढ़ा, तो 20 मिलियन टन उत्पादन खरीफ की फसल में ही बढ़ जाएगा – श्री शिवराज सिंह चौहान
सिंधु जल समझौता अन्यायपूर्ण था, पानी के साथ-साथ पैसे भी दिए गए पाकिस्तान को – श्री शिवराज सिंह चौहान
दैनिक आगाज इंडिया 1 जून 2025 दिल्ली,
देशव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ को लेकर देश भर में उत्साह जारी है। आज अभियान के तीसरे दिन केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने हरियाणा के पानीपत में किसानों से संवाद किया। पानीपत के आर्य पीजी कॉलेज, जीटी रोड के परिसर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में हरियाणा प्रदेश के कृषि मंत्री श्री श्याम सिंह राणा, हरियाणा के शिक्षा मंत्री श्री महिपाल ढांडा, डॉ. मांगी लाल जाट, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) के सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) महानिदेशक (डीजी) ,जिला अध्यक्ष, मेयर व राज्य के कृषि विभाग के अधिकारी शामिल रहे।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस कार्यक्रम से पहले किसानों के बीच खेत में जाकर उनसे सीधा संवाद भी किया और विविध तरीकों से की जा रही खेती कि जानकारी भी ली। अपने मुख्य कार्यक्रम में भी उन्होंने इसी अनुभव को साझा करते हुए बताया कि किसानों से जुड़े कार्यक्रम खेतों में जाए बिना अधूरे है, आज भी मैंने खेत में जाकर हमारे किसान भाइयों से बात की जिनमें से एक है श्री रामप्रताप जी जिनके खेत में मैं गया उन्होंने अपने खेत में विभिन्न प्रकार के तरबूजों की खेती की हुई है, लाल तरबूज के साथ-साथ पीले और संतरी तरबूज की खेती भी मैंने आज देखी जो स्वाद के लिहाज से भी शानदार थी। गेंहू की खेती के साथ-साथ तरबूज की खेती का यह तरीका खेती के विकास के दृष्टिकोण से बेहद शानदार है।

आगे श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक कृषि मंत्री की असली भूमिका किसानों से बातचीत करना, उनसे पास जाकर उनकी समस्याएं सुनना और उनके निदान का मार्ग दिखाना है। कृषि आज भी भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान उसकी आत्मा है। किसानों की सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है। मुझे जब से प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय का दायित्व मिला है, तब से मेरे रोम-रोम में किसान है और हर सांस में खेती है, मैं खेती को जीने की कोशिश कर रहा हूं। मैं किसान का बेटा हूं। ट्रैक्टर भी चलाता हूं। बुआई भी करता हूं। हम किसान हैं। खेती के बिना हिंदुस्तान की पहचान अधूरी है। एक तरफ सीमा पर बैठे हुए जवान जो देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं और दूसरी तरफ खेत में डटा किसान ये दो भारत के आधार हैं। जय जवान, जय किसान। शास्त्री जी ने कहा था जय जवान, अटल जी ने जोड़ दिया जय विज्ञान और मोदी जी ने जोड़ दिया जय अनुसंधान!
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श्री शिवराज सिंह ने कहा कि पहलगाम की आतंकी घटना का हमने मुंहतोड़ जवाब दिया। पाकिस्तान के आतंकी अड्डे हमने तबाह कर दिए। हमने पाकिस्तान के निर्दोष नागरिकों पर हमला नहीं किया ना ही पाकिस्तान की सेना पर हमला किया। हमने आतंकी अड्डों पर हमला किया और उन्हें नष्ट कर दिया। पाकिस्तान को अपनी गलती की सजा भुगतनी पड़ी।
श्री चौहान ने कहा मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को सिंधु जल समझौता स्थगित करने के लिए धन्यवाद देता हूं। यह अन्यायपूर्ण समझौता था। हमारी नदी का 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दिया गया। सिर्फ 20 प्रतिशत पानी भारत के हिस्से में आया। सिर्फ पानी ही नहीं पैसे भी दिए गए। नेहरू जी की तरफ से इस समझौते से एवज में पाकिस्तान को 83 करोड़ रुपये दिए गए थे। जो हमारे देश के लोगों के लिए अन्नाय था। हमारे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के लोग और हमारे किसान भाई-बहन सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। अब यह पानी हमारे देश में आएगा और हरियाणा तक पानी का लहर बहेगी। अब पानी का उपयोग भारत के अपने किसानों और खेती के लिए किया जाएगा। मैं प्रधानमंत्री जी का इस समझौते को स्थगित करने के लिए हृदय से अभिनंदन करता हूं।

श्री शिवराज सिंह ने कहा किसानों और वैज्ञानिकों को जोड़ने और ‘लैब टू लैंड’ की दिशा में आगे बढ़ने के लिए ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की कल्पना की गई है। शोध का लाभ किसानों तक पहुंचे इसके लिए 16 हजार वैज्ञानिकों की 2170 टीमें बनाई गई हैं, जो गांव-गांव जाकर किसानों से संवाद कर रही हैं। कृषि विभाग का अमला और किसान मिलकर खेती की दशा और दिशा बदलेंगे और अपना सामर्थ्य दुनिया को दिखलाएंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी से कृषि को विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ने और भारत को फूड बास्केट बनाने का आह्वान भी किया।
श्री चौहान ने कहा हमारे वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं, हमारे वैज्ञानिक प्रतिभाशाली और सामर्थ्यवान है। हाल ही में 2 धान की नई किस्में विकसित की हैं और दोंनो धान की किस्मों में भी 30% उत्पादन बढ़ेगा और पानी 20% कम लगेगा। उत्पादन बढ़ेगा, पानी बचेगा लेकिन अब रियल टाइम में किसानों को बताएं कि ये चीज है इस पर ये चीज लगाओ इसलिए बना है ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने उवर्रक के संतुलित उपयोग को लेकर भी चर्चा की। श्री चौहान ने बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के जरिए हमारे वैज्ञानिक मिट्टी की गुणवत्ता बनाए रखते हुए उर्वरकों के संतुलित प्रयोग की जानकारी देंगे। अपने संबोधन में केंद्रीय कृषि मंत्री ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करते हुए किसानों से इस दिशा में आगे बढ़ने का भी आह्वान किया।
श्री शिवराज सिंह ने कहा मेरे प्रिय बहनों और भाइयों, किसान के पास वैज्ञानिक जा रहे हैं। हरियाणा के गाँव-गाँव 55 टीमें जा रही है। मैं हरियाणा साथ ही पूरे देश के किसान भाइयों और बहनों से कहना चाहता हूँ जब आपके गाँव में वैज्ञानिकों की टीम आए तो उनके साथ बैठिए, अपनी समस्या बताइए, सवाल पूछिए और वैज्ञानिक मित्र भी पूरे फर्ज और धर्म के साथ यह काम निष्ठापूर्वक करें। यही देश के लिए जीना है। अगर उत्पादन एक-एक क्विंटल टन भी बढ़ा दिया तो 20 मिलियन टन उत्पादन खरीफ की फसल में ही बढ़ जाएगा और इसी खरीफ फसल के बाद हमारे सामने अपनी सफलता के परिणाम होंगे। खाद्यान्न बढ़ने पर हम पूरे विश्व के लिए भी खाद्यान्न सुनिश्चित कर पाएंगे।


