- कोली समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर जी बावलिया के फर्जी संगठन वाले बयान के बाद मामले ने पकड़ा तुल
- श्री बावलिया इन्दौर में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होने आए थे इन्दौर
- गुजरात राज्य के केबीनेट मंत्री हैं, श्री बावलिया
इन्दौर। मध्यप्रदेश के इन्दौर शहर में मध्यप्रदेश कोरी/कोली समाज के निशुल्क सामुहिक विवाह सम्मेलन में शामिल होने आये कोली समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गुजरात राज्य के केबीनेट मंत्री कुंवरजी भाई बावलिया ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए अखिल भारतीय कोली समाज (रजि.) नईदिल्ली के मूल संगठन को फर्जी करार देते हुए संगठन के निर्वाचित अध्यक्ष विरेन्द्र कश्यप को फर्जी सदस्यों द्वारा फर्जी वोटिंग कर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने का विवादित बयान देकर अपने ही गले में विवाद की घंटी बांध ली। श्री बावलिया के उक्त बयान को अखिल भारतीय कोली समाज के राष्ट्रीय सदस्य प्रकाश महावर कोली द्वारा तत्काल समाज की मूल संस्था अखिल भारतीय कोली समाज (रजि) नई दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद विरेन्द्र कश्यप, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सत्यनारायण पंवार, राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष सर्वश्री हरिशंकर माहौर “पूर्व विधायक हाथरस, मनुभाई चावडा गुजरात एवं हरिश चंद्रावत दिल्ली, आर भूपति हैदराबाद तथा राष्ट्रीय महासचिव डी. पी. शंखवार को भेजते हुए मार्गदर्शन चाहा। इस पर राष्ट्रीय महासचिव श्री शंखवार ने कहा कि अखिल भारतीय कोली समाज के मूल संगठन के चुनाव निर्वतमान राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजीत भाई पटेल की अध्यक्षता में 10 नवम्बर को नई दिल्ली स्थित कोली समाज भवन में हुए, जिसमें श्री बावलिया को भी आमंत्रित किया गया। लेकिन उन्होंने गुजरात राज्य के मंत्री होने के कारण अपनी व्यस्थता बताते हुए बैठक में शामिल नहीं हुए पैसी स्थिति में श्री अजीत भाई पटेल के निर्देशन में नियुक्त निर्वाचन अधिकारियों की मौजूदगी में अखिल भारतीय कोली समाज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के चुनाव कराए गये, जिसमें शिमला हिमाचल प्रदेश के पूर्व सांसद श्री विरेन्द्र कश्यप एवं हरियाणा के श्री नानक राम कोली के बीच मुकाबला हुआ, जिसमें 45 सदस्यों ने मतदान किया, इसमें श्री कश्यप को 38 एवं श्री कोली को 7 मत प्राप्त हुए और श्री विरेन्द्र कश्यप राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये। श्री कश्यप के नेतृत्व में ही कोली समाज का मूल संगठन देश भर में सचालित हो रहा है, इसकी प्रथम बैठक हाल ही में 12 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के लखनउ शहर में आयोजित की गई, जिसमें एक ही पंजियन पर चल रहे तीन संगठन के एकीकरण के लिए समन्वय स्थापित करने का निर्णय लिया गया। लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे गुजरात के केबीनेट मंत्री श्री कुंवरजी भाई बावलिया के दो कार्यकाल और कोरोना काल में दिया गया एक साल का अतिरिक्त कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद भी श्री बावलिया का मोह राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से नहीं छूट रहा है।
एक ही पंजियन पर चल रहे तीन संगठन
गौरतलब है कि अखिल भारतीय कोली समाज के राष्ट्रीय संगठन का पंजियन 1971-72 में हुआ, जिसका पंजियन कमांक 5356/1971-72 है, इस संगठन में उज्जैन के पूर्व सांसद श्री सत्यनारायण पंवार एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य श्री रामनाथ कोविंद अलग-अलग समय में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने लेकिन कभी विवाद की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर नहीं बनी, इस संगठन में राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए श्री रामनाथ कोविन्द हिमाचल के राज्यपाल एवं फिर देश के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति तक बने। गौरतलब बात यह है कि संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे एवं देश के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने गुजरात के सूरत में आयोजित अखिल भारतीय कोली समाज के स्वर्ण जयंती समारोह में विदेश यात्रा पर होने के बावजूद अपने सम्बोधन का एक वीडियो प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने श्री अजीत भाई पटेल के नेतृत्व वाले संगठन को ही कोली समाज का मूल संगठन माना, और इसी संगठन के चुनाव में 10 नवम्बर को हिनाचल के पूर्व सांसद श्री विरेन्द्र कश्यप को राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचन के माध्यम से चुना गया तो फिर आठ साल से राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से चिपके कुंवर जी भाई बावलिया किस आधार पर श्री कश्यप को फर्जी सदस्यों द्वारा चुना गया अध्यक्ष बता रहे हैं। इसी बात को लेकर अब यह मामला अब तुल पकड़ने जा रहा है, कश्यप समर्थक एवं अखिल भारतीय कोली समाज के महासचिव डीपी. शंखवार एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रकाश महावर कोली, प्रदेश अध्यक्ष बलवंत शाक्य ने समाज के लोगों को आगाह किया है कि तथाकथित राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर जी भाई बावलिया के खिलाफ एक मत होकर आवाज बुलंद करें।
भवदीय प्रकाश महावर कोली राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य