नवागत निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने भी आते ही सोने की खान नदी में हाथ डाला।

अशोक रघुवंशी 9300006777

इंदौर 7 मई 2024, इंदौर निगम आयुक्त का पद  मलाईदार है जब तक खान नाला कान्हा नदी से एक बार फिर खान नाला घोषित नही हो जाता।

जब तक कान्हा नदी के नाम पर जनता को मूर्ख बनाकर नदी बोलते रहेंगे दुकान चलती रहेगी और चले भी क्यों नही नगरीय प्रशासन मंत्री अपने तो कैलाश जी है सबसे पहले उन्हें ही ये तेल का कुआ नजर आया था। जो आज भी नोट  उगल रहा है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के महापौर काल से आज दिन तक जितने निगम आयुक्त हुए है उनकी संपत्तियों की जाँच की जाए तो अभी नाले ओर नगर निगम की गंदगी साफ हो जाये। वर्तमान में चल रहे 100 करोड़ के घोटाले (2000 करोड़) हकीकत में इसकी भी जाँच ठंडे बस्ते में जाते दिख रही है क्योंकि कार्यवाही चार पर हुई तो वो आठ नाम और बताएंगे ओर नाम बढ़ते बढ़ते मंत्री जी के गले तक भी आ सकते है वैसे एक रास्ता है एक बार ओर निगम में आग लग जाये जिसका पूरा अंदेशा नजर आ रहा है और इस बार फाइलो के साथ कंप्यूटर हार्ड डिस्क भी जलवा दजिये सब साफ बच सकते है।

लेकिन निगम आयुक्त शिवम वर्मा आप ये समझ ले अब एक रुपये का भी पेमेंट नाला सफाई में हुआ तो जनता हाई कोर्ट में खड़ा कर देगी। जनता को मूर्ख बनाना बंद किजिगे जनता सब जानती है पिछले बिस पच्चीस सालो में कितनी सफाई हुई है नाले की ओर कितने करोड़ो रूपये इंदौर भोपाल दिल्लीः तक बाटे गए है। सावधान रहें अब एक बजी भरस्टाचारी बचेगा नही।

साहेब आपको क्या पुराने निगम आयुक्त सब बता जे गए गए इंदौर स्थानांतरण में जितना फपय लगा है वो कहा से निकालकर भोपाल पहुँचाके आप मंत्रालय के खास बन सकते है।

नरक निगम में वर्षो से जमे बेठे अधिकारी कर्मचारी सभी की संपत्तियों की जाँच होनी चाहिए। सभी जेल में होंगे। फिर चज़हे पूर्व निगम आयुक्त हो या उनके अधिनिष्ठ कर्मचारी जो आज गक निगम में ही पदस्थ है।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम