मीडिया में सफल होने के लिए ज़रूरी है ईगो को दूर रखना : संजय शर्मा
दैनिक आगाज इंडिया 9 अप्रैल 2025 इंदौर। आज मीडिया में सार्थक काम कर पाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। नौकरियों की कमी है और तिस पर कई कार्य एआई से करना संभव हो गया है। ऐसे में स्वयं का वेब मीडिया एक अच्छा विकल्प है लेकिन इसमें सफ़ल होने के लिए आवश्यक है कि पत्रकार होने की हनक और ईगो को दूर रखा जाए और हर तरह की स्टोरी और परिस्थिति के लिए स्वयं को तैयार कर लंबी पारी खेली जाए क्योंकि इसमें शुरू के दो साल कोई पैसा नहीं है।
ये बात राजनीतिक टिप्पणी करने वाले वेब चैनलों में लंबे समय से लगातार शीर्ष पर चल रहे 4 पीएम न्यूज़ के संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री संजय शर्मा ने स्टेट प्रेस क्लब, मप्र द्वारा आयोजित ‘रूबरू’ कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि मीडिया जगत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने कंटेंट राइटर, वॉइस ओवर, बैकग्राउंड स्टोरी, इलस्ट्रेशन आदि के बहुत से काम के लिए टीम की बजाय एक व्यक्ति की ज़रूरत शेष रखी है। पारंपरिक मीडिया हाउस चलाना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में वैकल्पिक मीडिया नई पीढ़ी के पत्रकारों को राह दे रहा है लेकिन इसमें टिकने के लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था भी रखें। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि बीच में एक दौर ऐसा आया जब उन्हें चाय -मैगी के आउटलेट्स की तैयारी करनी पड़ी। हम पत्रकार हैं तो दूसरे काम कैसे करें या सिर्फ पॉलिटिकल, पुलिस की स्टोरी करेंगे, ऐसी मानसिकता त्यागनी होगी। बहुत से प्रकार की स्टोरीज़ दर्शक देखना चाहते हैं। नए विषय, जीवन से जुड़ी स्टोरीज़ चुनें और अपना व्यूअर बेस बनाएं। यूट्यूब में शुरू में कोई पैसा नहीं मिलता लेकिन अपने लक्ष्य पर डटकर टिके रहे तो बाद में खर्च न कर सको इतना रुपया भी मिलता है।
प्रस्तावित ब्रॉडकास्ट बिल वैकल्पिक मीडिया को समाप्त कर देगा यह आशंका ज़ाहिर करते हुए श्री संजय शर्मा ने कहा कि आज सरकारों ने बड़े मीडिया मालिकों से सीधे दोस्ती कर छोटे मीडिया संस्थानों और पत्रकारों को नज़रअंदाज़ कर समाप्त करने की नीति बना रखी है। जिस तरह से भारत में पत्रकारों का शोषण, दमन होता है और उन पर मुकदमे लादे जाते हैं उसे देखकर लगता है कि भविष्य में सिर्फ सरकारी बातें और वाहवाही करने वाले पत्रकार ही बचेंगे। राजनैतिक पैकेजों ने देश में पत्रकारिता की धार कुंद की है। गुणगान करने वाले पत्रकारों जैसे सुधीर चौधरी को सरकारी मीडिया में 15 करोड़ के वार्षिक पैकेज पर लिए जाने को उन्होंने जनता के धन का दुरुपयोग बताया। श्री शर्मा मानते हैं कि पिछले कुछ चुनावों में वोटर लिस्टों में हेरफेर कर परिणाम प्रभावित किए गए। उन्होंने सवाल किया कि आख़िरी घंटों में वोटिंग के प्रतिशत में अचानक इज़ाफा क्यों होता है जबकि पोलिंग बूथों पर कोई लाइनें नहीं होतीं। उन्होंने यह भी कहा कि कम्यूनल ताकतों से लड़ने के लिए कांग्रेस को क्षेत्रीय दलों से बेहतर तालमेल बैठाना होगा। श्री शर्मा ने कहा कि आज देश की सारी नीतियां उच्च मध्यम और उच्च वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई जा रही हैं। बहुसंख्य वर्ग के लिए रोजगार, ईलाज पाना भी दूभर होता जा रहा है। लेकिन देश में आज माहौल यह है कि बाकी सारे मुद्दे एक तरफ और औरंगजेब की कब्र एक तरफ। साम्प्रदायिकता की भावना भड़काकर तानाशाही का शासन किया जा रहा है और देश के असली मुद्दे गौण हो गए हैं।
अपने आरंभिक उद्बोधन में श्री शर्मा ने बदायूं जैसी छोटी जगह से दो सौ रुपए प्रतिमाह की नौकरी से प्रारंभ कर आज आज हर माह 15 – 20 करोड़ व्यूज़ वाले कई वेब चैनलों तक पहुंचने के संघर्ष की रोमांचक दास्तां सुनाई। शीघ्र ही 4 पीएम फ़िल्म निर्माण में कदम रख रहा है और एक नामी निर्देशक के साथ फ़िल्म प्रारंभ होगी जो झारखंड की पृष्ठभूमि पर होगी। इससे पूर्व नई प्रतिभाओं को अवसर देने के लिए म्यूज़िक कंपनी भी लॉन्च की गई थी जिसका अच्छा प्रतिसाद मिला। कार्यक्रम के प्रथम चरण में स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री प्रवीण खारीवाल, उज्जैन इकाई के श्री प्रकाश त्रिवेदी, श्री कुमार लाहोटी, श्री शिवाकांत बाजपेयी, श्री सादिक मंसूरी,संजय मेहता, आदि ने श्री शर्मा का स्वागत किया। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन संस्कृतिकर्मी – पत्रकार श्री आलोक बाजपेयी ने किया जबकि आभार प्रदर्शन वरिष्ठ पत्रकार श्री कीर्ति राणा ने किया।