दैनिक आगाज इंडिया 10 फरवरी 2025 इंदौर नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) के अंतर्गत इंदौर को वायु स्वच्छता में नम्बर-1 बनाने के लिए कलेक्टर इंदौर श्री आशीष सिंह के निर्देशन में लगातार प्रयास किये जा रहे है। इसी के तहत परिवहन विभाग, नगर निगम तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम द्वारा इंदौर में संचालित हो रहे प्रदूषण जांच केन्द्रों में से 5 केन्द्रों की आकस्मिक जांच की गई। जांच के दौरान ऑनलाइन संचालित जांच केन्द्रों की कार्यप्रणाली नियमानुसार हो रही है या नहीं, इसकी तस्दीक की गई। यह संज्ञान में आने पर कि कुछ जांच केन्द्रों द्वारा अवैध तरीके से अन्य राज्यों की आई.डी. से प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे हैं, पर पिपलिया राव स्थित एक जांच केन्द्र को सील किया गया। उस जांच केन्द्र में प्रदूषण जांच मशीनें एवं ऑनलाइन जांच केन्द्र का बोर्ड लगा पाया गया, जबकि जांच केन्द्र के प्राधिकार पत्र की वैधता समाप्त हो चुकी थी ।
अब यह जांच की जा रही है कि उक्त जांच केन्द्र द्वारा किसी अन्य राज्य की आई.डी. से प्रदूषण प्रमाण पत्र तो जारी नहीं किये जा रहे हैं। जांच पश्चात नियमानुसार मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों एवं नियमों के तहत विधिक कार्यवाही की जाएगी।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी श्री प्रदीप शर्मा ने बताया कि इंदौर में 100 से अधिक प्रदूषण जांच केन्द्र अधिकृत हैं, जिनमें से 60 केन्द्रों को NIC के पोर्टल से जोड़ा जा चुका है एवं इन्हीं ऑनलाईन जांच केन्द्रों द्वारा जारी प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र मान्य हैं, शेष जांच केन्द्रों को भी ऑनलाईन करने की प्रक्रिया जारी है। प्रदूषण जांच केन्द्र से जारी ऑफलाईन प्रमाण पत्र मान्य नहीं हैं। आम जनता से अपील की गई है कि ऑफलाईन प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र नहीं बनवाये एवं कोई अन्य राज्यों की आई.डी. से ऑनलाईन प्रमाण पत्र बना रहा है, तो वह भी अवैध है। आम जनता की सुविधा के लिये इंदौर में ऑनलाईन संचालित प्रदूषण जांच केन्द्रों की सूची भी प्रकाशित की जा रही है।
संयुक्त कार्यवाही के दौरान 2 लोडिंग वाहन बिना प्रदूषण प्रमाण एवं वैध दस्तावेजों के अभाव में संचालित होते पाये जाने से जप्त किये गये। पूरे शहर में बड़े पैमाने पर एक-साथ वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्रों की जांच एवं प्रदूषण फैला रहे वाहनों के खिलाफ अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है।
आर.टी.ओ. इंदौर कार्यालय से ऑनलाईन प्रदूषण प्रमाण पत्रों का डाटा निकाल कर प्रदूषण जांच में विफल रहे वाहनों के खिलाफ भी नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी और ऑफलाईन प्रदूषण जांच केन्द्रों को पोर्टल पर इन्टीग्रेड करने की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही जिन वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र बनाये ही नहीं गयें हैं या जिन वाहनों के प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त हो चुकी है, उनको कम से कम 7 दिवस पूर्व वाहन स्वामियों के मोबाईल नम्बर पर मैसेज भेजने हेतु NIC को आवश्यक कार्यवाही हेतु लिखा जा रहा है । उल्लेखनीय है कि प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र न होने पर निजी वाहनों पर रूपये एक हजार रुपये एवं व्यावसायिक वाहनों पर 5 हजार रुपये का अर्थदण्ड प्रावधानित है। इसके अतिरिक्त कलेक्टर इंदौर द्वारा शत-प्रतिशत पेट्रोल पम्पों पर ऑनलाईन प्रदूषण जांच केन्द्र स्थापित करने हेतु लगभग एक माह का समय दिया गया है, अन्यथा उक्त पेट्रोल पम्पों के विरूद्ध भी प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जायेगी। जांच के दौरान एक सकारात्मक पहलू यह भी देखने को मिला, जब एक दुपहिया वाहन चालक श्री राजा दर्पणलाल सुखमणी पेट्रोल पम्प पलसीकर कॉलोनी पर प्रदूषण जांच संबंधी हो रही उद्घोषणा को सुनकर स्वयं प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त होने के 10 दिवस पूर्व ही अपने वाहन की प्रदूषण जांच कराने के लिये पहुंचा । उसके द्वारा बताया गया कि मैं इंदौर को वायु स्वच्छता में नम्बर-1 बनाने एवं अपने वाहन को हमेशा फीट एण्ड फाईन बनाये रखने के लिये प्रदूषण प्रमाण पत्र बनवा रहा हूं । प्रदूषण जाँच केन्द्रो के संचालकों को यह भी निर्देशित किया गया है कि प्रदूषण जॉच मशीनों पर या केन्द्र पर उचित स्थान पर जॉच केन्द्र के प्राधिकार पत्र की वैधता एवं मशीनों की समय-समय पर की गई कैलिब्रेशन की वैधता अनिवार्य रूप से लिख कर रखें।
यह संयुक्त जांच अभियान एवं कार्यवाही कलेक्टर श्री आशीष सिंह के निर्देश पर अपर आयुक्त नगर निगम श्री अभिलाष मिश्रा के नेतृत्व में एआरटीओ श्री राजेश गुप्ता, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वैज्ञानिक सुश्री पद्मा व्यास एवं संबंधित विभागों के स्टाफ द्वारा की गई और यह सतत् जारी रहेगी ।

