चरित्रवान शिक्षक ही भारत के भविष्य को सुनिश्चित कर सकते हैं। डॉ रीना पाटिल

चरित्रवान शिक्षक ही भारत के भविष्य को सुनिश्चित कर सकते हैं। भारतीय ज्ञान चरित्र निर्माण की आधारभूत इकाई है। प्राचीन भारतीय साहित्य एवं परम्पराओं के द्वारा वर्तमान एवं भावी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। ये बातें ज्ञानोदय महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रीना पाटिल द्वारा विद्यासागर कॉलेज में आयोजित व्याख्यान में कही। व्याख्यान का आयोजन विद्यासागर कोलेज इंदौर के भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ द्वारा किया गया था। कार्यक्रम का प्रारम्भ प्रो. रेणु शर्मा की सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। डॉ. रीना पाटिल द्वारा यह अपेक्षा भी व्यक्त की गयी कि शिक्षक-शिक्षा के क्षेत्र में भारतीय ज्ञान की पुनर्स्थापना में भावी शिक्षक अपना योगदान देवें। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. निलेश पटेल द्वारा जानकारी दी गयी की सम्पूर्ण पुरातन हिन्दू एवं जैन साहित्य में प्रत्येक सन्दर्भ के अपने-अपने अभिलाक्षणिक अर्थ हैं, जिसे एक अच्छे गुरु के माध्यम से समझा जा सकता हैं। कार्यक्रम में प्रो. यशोदा जोशी, प्रो. मोनिका धुलधोये, प्रो. भारत जोशी एवं बी. एड. के विद्यार्थी उपस्थित रहे। बी. एड. छात्राओं अंजली गेहलोद, रेखा बोथम एवं योग्या सिसोदिया द्वारा व्यवस्थापन में सहयोग किया गया। डॉ. संगीता रणदिवे के आभार प्रदर्शन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम