सुचिता और पवित्रता की पराकाष्ठा का स्वरूप उपाध्याय जी के एकात्मक मानववाद के दर्शन में दिखाई देती है -डॉ महेंद्र सिंह
पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा बताये दर्शन और विचारों पर केंद्रित योजनाएं बनती है केंद्र एवं राज्य की सरकारें
समर्पण निधि का कार्यक्रम पार्टी के स्वावलंबन,राजनीति में सुचिता और विचार के प्रति आस्था रखने वालों का कार्यक्रम है- श्री गोपीकृष्ण नेमा
दैनिक आगाज इंडिया इंदौर 11 फरवरी 2025/भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुष पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर इंदौर नगर भाजपा द्वारा समर्पण दिवस मनाते हुए अभय प्रशाल स्थित लाभ मंडपम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी उपस्थित अतिथियों ने महापुरुषों के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रदेश प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की राजनीति में सुचिता और पवित्रता ,आचरण और व्यवहार, अपने चिंतन एवं विचार के आधार पर जिन्होंने सब कुछ दिया ऐसे महामनीषी, महामानव ,महान चिंतक लेखक, पत्रकार, कुशल संगठनकर्ता एवं महान नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर हम उपस्थित हैं मैं उनके श्री चरणों में पुष्पांजलि, श्रद्धांजलि एवं अपनी भावांजलि अर्पित करते हुए उन्हें शत-शत नमन करता हूं पंडित दीनदयाल जी हम सभी के प्रेरणा स्रोत हैं ऋग्वेद की सूक्तियां में 10 मंडलों में विभाजित सुचिता और पवित्रता की जो पराकाष्ठा है उसका स्वरूप हमें उपाध्याय जी के एकात्मक मानववाद के दर्शन में दिखाई देती है भारत की राजनीति की पवित्रता एवं सुचिता को बनाए रखने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने एकात्म मानववाद का दर्शन दिया, लोग कहते हैं कि एकात्म मानववाद समझना और समझाना बहुत कठिन है और उसको समझने के लिए बहुत समय चाहिए जबकि मैं बहुत कम शब्दों में एक सूत्र के माध्यम से आपको समझाने का प्रयास करता हूं,हमारे यहां धरती से लेकर पाताल तक पृथ्वी से लेकर आकाश तक तारे से लेकर सूर्य तक, पौधे से लेकर वृक्ष तक ,नदी से लेकर समुद्र तक, पशु से लेकर पक्षियों तक, आत्मा से लेकर परमात्मा तक जड़ से लेकर चैतन्य तक जो सब कुछ है इसके समूचे भाव को एकात्मक मानववाद दर्शन कहा जाता है पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी अंत्योदय के प्रणेता एवं हमारी पंचनिष्ठा के सूत्रधार है पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के सपनों के भारत को बनाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी समर्पण के साथ कार्य कर रहे हैं, डॉ महेंद्र सिंह ने आगे कहा कि जब समर्पण निधि की बात आती है तो समर्पण कई प्रकार का होता है आपका राष्ट्र के प्रति समर्पण कैसा है, आपका समाज के प्रति समर्पण कैसा है, आपका परिवार के प्रति समर्पण कैसा है, जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राणायाम बहुत आवश्यक है वैसे ही राष्ट्र और समाज को स्वस्थ रखने के लिए अर्थायाम बहुत आवश्यक है अर्थायाम में सुचिता एवं पवित्रता होनी चाहिए , पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर समर्पण दिवस के अवसर पर समर्पित भाव से हम जो कुछ दे सकते हैं छोटी से छोटी राशि तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित के भाव से पार्टी में समर्पित करना चाहिए उससे ही हमारा संगठन स्वावलंबी बनता है
इस अवसर पर नगर अध्यक्ष श्री सुमित मिश्रा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी द्वारा बताये गये जो दर्शन और विचार है उन्हें हम आत्मसात करते हैं हमारी केंद्र एवं राज्य की सरकारें उसी तरह की योजनाएं भी बनाती हैं जिससे हम लोक कल्याण और समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति की चिंता हो सके।
इस अवसर पर आजीवन सहयोग निधि के प्रदेश प्रभारी पूर्व विधायक श्री गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि जब जनसंघ नाम का संगठन इस देश में बना सन् 1951 में कुछ लोगों ने एक विचार का दिया लेकर चलना शुरू किया उसे दौर में अप्रैल और मैं के तपते सूरज की तरह कांग्रेस इस देश में शासन कर रही थी एक विचार का दिया लेकर जब कुछ लोग चल रहे थे तब उनके पास न तो समर्थन था और न ही सहयोग न उनके पास कोई राशि थी वे लोग राजनीति में सुचिता के लिए अपने समर्थक अपने विचार को जानने एवं समझने वाले लोगों से कार्यालय खर्च एवं संगठन के कार्य हेतु वार्षिक निधि के तौर पर 25 रुपए प्रतिवर्ष की राशि लेने के लिए निकले उसके पश्चात 25 के 50 हुए एवं भारतीय जनता पार्टी का गठन होने के बाद यह राशि 100 रुपए प्रतिवर्ष हो गई इसे लेने के लिए माननीय कुशाभाव ठाकरे एवं प्यारेलाल खंडेलवाल जी कैलाश जोशी जी, सुंदरलाल पटवा जी एवं सकलेचा जी सहित नारायण प्रसाद गुप्ता जी और कैलाश सारंग जी जैसे लोग इंदौर जैसे बड़े शहरों में दूर-दूर जाते दो-तीन दिन रुकते प्रत्येक कार्यकर्ता के घर जाकर 10 मिनट रुकते और परिवारका हाल-चाल जानते उसके पश्चात 100 रुपए से बढ़कर वार्षिक निधि 250 रुपए हो गई राजनीति में इससे बड़ा सुचिता का उदाहरण नहीं हो सकता के कोई करप्ट व्यक्ति या कोई गलत धंधा करने वाला व्यक्ति हमारे संगठन में नहीं चले हम हमारे कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से छोटी-छोटी राशि लेकर कार्यालय एवं पार्टी को चलाने के लिए राशि एकत्रित करते। जब श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उन्होंने इसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की पुण्यतिथि पर आजीवन सहयोग निधि के नाम पर पूरे देश में लागू किया यह पार्टी के स्वावलंबन का राजनीति में सुचिता का और विचार के प्रति आस्था रखने वालों का कार्यक्रम है।
इस अवसर पर संभाग प्रभारी श्री राघवेंद्र गौतम, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कृष्णमुरारी मोघे,महापौर श्री पुष्यमित्र भार्गव,विधायक श्री महेंद्र हार्डिया, श्री मधु वर्मा, श्री गोलू शुक्ला, श्री सुदर्शन गुप्ता, श्री प्रताप करोसिया, श्री जीतू जिराती, श्री दीपक जैन, श्री नरेंद्र सलूजा, श्रीमतीअंजू माखीजा,श्रीमति उमाशशि शर्मा, श्री कैलाश शर्मा, श्री जयपाल सिंह चावड़ा, श्री अक्षय कांति बम, श्री संजय शुक्ला, श्री पंकज संघवी, श्री सुधीर कोल्हे, श्रीमती सविता अखंड एवं श्री संदीप दुबे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे



