दैनिक आगाज इंडिया 11 मई 2025 इंदौर। स्वच्छता में लगातार देश में नंबर वन स्थान पाने वाले इंदौर को अब स्वच्छ पेयजल व्यवस्था के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाने के लिए निमाड़ महासंघ विकास समिति के प्रतिनिधिमंडल ने सचिव कृष्णकांत रोकड़े की अगवाई में नगरीय प्रशासन मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय को एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा। श्री रोकड़े ने मांग की कि दिल्ली मॉडल के अनुरूप इंदौर नगर निगम क्षेत्र में ‘जल मंदिर’ योजना प्रारंभ की जाए।
महंगे प्लास्टिक पानी से जनता परेशान,हादसे भी बढ़े
प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में कहा कि वर्तमान में आम नागरिकों को महंगे दामों पर प्लास्टिक बोतल का पानी खरीदना पड़ता है, जिससे निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। कई बार सड़कों पर फेंकी गई प्लास्टिक बोतलों के कारण दोपहिया वाहन चालकों की दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। ऐसे में ‘जल मंदिर’ योजना न केवल सुरक्षित,सस्ता और सुलभ पेयजल उपलब्ध कराएगी,बल्कि सड़क सुरक्षा और सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।
इंसुलेटेड और हाइजीनिक जल मंदिर — हर मौसम में स्वच्छ, शीतल जल
महासंघ ने सुझाव दिया कि ‘जल मंदिर’ पूरी तरह से इंसुलेटेड और हाइजीनिक ढंग से बनवाये जाएं, ताकि किसी भी मौसम में नागरिकों को शुद्ध, ठंडा और सुरक्षित जल उपलब्ध हो सके। इससे इंदौर की स्वच्छता में नंबर वन स्थिति को और सशक्त बनाया जा सकेगा और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा भी सुनिश्चित होगी।
जल मंदिर ठेलों पर होगी देशी पेयों की भी सुविधा
कृष्णकांत ने प्रस्तावित किया कि जल मंदिर विशेष रूप से तैयार ठेलों पर निर्मित किए जाएं, जिन पर वेंडर्स को आरओ शीतल जल के साथ-साथ देशी पारंपरिक पेय जैसे नींबू पानी, शिकंजी, छाछ आदि विक्रय करने की भी अनुमति दी जाए। इससे नागरिकों को प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प मिलेंगे और वेंडरों की आय में भी वृद्धि होगी।
भीड़भाड़ वाले स्थानों से प्रारंभ कर चरणबद्ध विस्तार
‘जल मंदिर’ योजना को पहले चरण में पितृ पर्वत,राजवाड़ा,खजराना,बिजासन मंदिर ,रेलवे स्टेशन,बस स्टैंड, प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, धार्मिक स्थलों और पर्यटन महत्व के स्थानों पर प्रारंभ करने का सुझाव दिया गया है। इससे अधिकतम लोगों को सुविधा मिलेगी और योजना की सफलता का मार्ग प्रशस्त होगा।
नगर निगम के लिए बढ़ेगा राजस्व और सेवाओं का सशक्तिकरण
महासंघ ने कहा कि नगर निगम इन जल मंदिरों के माध्यम से सार्वजनिक आयोजनों, धार्मिक पर्वों और विवाह समारोहों में भी पेयजल सेवा देकर राजस्व बढ़ा सकता है। इससे निगम की सेवा गुणवत्ता और नागरिकों के प्रति उत्तरदायित्व भी और मजबूत होगा।
रोजगार सृजन और पर्यावरण संरक्षण का दोहरा लाभ
जल मंदिर योजना से स्थानीय वेंडरों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे, साथ ही प्लास्टिक बोतलों के उपयोग में कमी आकर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे इंदौर का ‘प्लास्टिक मुक्त शहर’ बनने का सपना साकार होगा।
इंदौर से प्रारंभ कर प्रदेश भर में विस्तार का विजन
महासंघ ने मांग रखी कि इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सबसे पहले इंदौर में लागू किया जाए और इसके सफल क्रियान्वयन के बाद इसे उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक जैसी धार्मिक नगरियों के साथ प्रदेश की नगर पालिकाओं, नगर परिषदों और नगर पंचायतों वाले क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए। इससे मध्यप्रदेश पूरे देश में स्वच्छ जल सेवा का आदर्श मॉडल बन सकेगा।
मंत्री ने दिए सकारात्मक संकेत
महासंघ की इस पहल की सराहना करते हुए मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि प्रस्ताव का गंभीरता से परीक्षण कर व्यवहारिक स्तर पर इसे लागू करने हेतु आवश्यक कार्यवाही पर विचार किया जाएगा।


