सीएम हेल्पलाईन में दर्ज आवेदनों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध होगी कार्रवाई।

लेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक संपन्न।

कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये हैं कि जिले के अधिकारी सीएम हेल्पलाईन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण को विशेष प्राथमिकता देवें। प्रतिदिन आवेदन देखें और तत्काल ही निराकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करें। उन्होंने बताया कि इंदौर जिले में सीएम हेल्पलाईन के तहत दर्ज प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 50 दिन से अधिक की अवधि के लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं। शिविर में आवेदकों को बुलाकर उनकी समस्याएं सुनकर उनके ही समक्ष समस्याओं का तत्काल निराकरण सुनिश्चित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये हैं कि सीएम हेल्पलाईन और लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों का समयसीमा में आवेदकों की संतुष्टि के साथ निराकरण सुनिश्चित किया जाये। आवेदनों के निराकरण में लापरवाही और उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि 50 दिन से अधिक की अवधि के कोई भी प्रकरण लंबित नहीं रहें।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में आज यहां समय-सीमा के पत्रों के निराकरण(टीएल) की बैठक में सम्पन्न हुई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर श्री गौरव बेनल, श्रीमती ज्योति शर्मा, श्री रोशन राय, श्री राजेन्द्र रघुवंशी, श्रीमती निशा डामोर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सीएम हेल्पलाईन के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण के लिये चलाये जा रहे अभियान की विभागवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी प्रतिदिन सीएम हेल्पलाईन के प्रकरणों को देखें और उसी दिन निराकरण की प्रक्रिया प्रारंभ करें। एक भी आवेदन देखने से वंचित नहीं रहे यह विशेष ध्यान रखा जाये। अगर एक भी शिकायत ऐसी मिलती है जिसमें कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है तो संबंधित अधिकारी के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाईन एक लेवल से दूसरे लेवल में शिकायतें स्थानांतरित नहीं होना चाहिये। अधिकारी अपने स्तर से ही समस्या निराकृत करें। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम राजस्व संबंधी समस्याओं के निराकरण में विशेष ध्यान दें। नायब तहसीलदार और तहसीलदार द्वारा निराकृत किये जा रहे आवेदनों की स्वयं समीक्षा करें। अगर नायब तहसीलदार और तहसीलदार द्वारा आवेदनों का समयसीमा में निराकरण नहीं किया जाता है तो संबंधित एसडीएम जवाबदेह रहेंगे। उन्होंने एसडीएम को भी एक-एक आवेदन के परीक्षण के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने समय-सीमा के पत्रों तथा लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों के निराकरण की भी विभागवार समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जन समस्याओं संबंधी आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाये। कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देश दिए कि अविवादित सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा सहित विभिन्न प्रकार के राजस्व प्रकरणों का निराकरण समय सीमा में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने धारणाधिकार की समीक्षा करते हुए लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण करने के निर्देश भी दिए।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम