दैनिक आगाज इंडिया 14 जनवरी 2025 इन्दौर । अखिल भारतीय कोली समाज (रजि.) नई दिल्ली की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विरेन्द्र कश्यप की अध्यक्षता में लखनऊ स्थित लाल बहादुर शास्त्री गन्ना किसान संस्थान, 11, बटलर रोड़ पर सम्पन्न हुई, जिसमें पूरे देश में विभिन्न उपनामों से जाने जाने वाला कोली समाज विभिन्न प्रांतों में कहीं अनुसूचित जाति तो कहीं पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जन जाति वर्ग में रखा गया है, इस कारण समाज को समानता के आधार पर शासकीय सेवा और अन्य लाभ नहीं मिल पाता है, और समाज की राजनैतिक उपेक्षा भी होती है, ऐसे में अखिल भारतीय कोली समाज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में समाज में एकरुपता लाने हेतु समूचे देश में अनुसूचित जाति की श्रेणी में लेने हेतु प्रस्ताव पारित कर समाज की प्रगति एवं समाजोत्थान के सम्बंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये।
इन्दौर से लखनऊ बैठक में भाग लेने पहुंचे नवनियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य प्रकाश महावर कोली, कोरी/कोली समाज महापंचायत के अध्यक्ष दिनेश वर्मा दानिश एवं झलकारी महासंघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रहलाद टाटवाल ने बताया कि
बैठक में उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री मनोहर लाल पंथी एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री भानुप्रताप वर्मा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।
इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सत्यनारायण पवार ने समाज को समूचे देश में एकरुपता प्रदान करने से सम्बंधित प्रस्ताव रखा, जिसका समर्थन महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री द्रोपती कोली, युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश महावर ने किया।
बैठक को आर. भूपति आंध्रप्रदेश, मनुभाई चावड़ा गुजरात सहित कर्नाटक, तामिलनाडु, बिहार, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, केरला, महाराष्ट्र, पांडुचेरी, तेलंगाना आदि प्रदेशों के अध्यक्षों ने प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए विचार रखे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विरेन्द्र कश्यप ने अखिल भारतीय कोली समाज (रजि.) नईदिल्ली के नवागत पदाधिकारियों को शपथ दिलाने के साथ ही नियुक्ति पत्र भेंट किए।
स्वागत भाषण उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भगवान दास शंखवार ने दिया। संचालन राष्ट्रीय महासचिव डी. पी. शंखवार ने एवं अंत में आभार राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक हरिशंकर माहौर हाथरस ने माना।
– श्री महावर राष्ट्रीय सदस्य मनोनित :-
मध्यप्रदेश कोरी/कोली समाज महापंचायत के अध्यक्ष दिनेश वर्मा दानिश एवं झलकारी महासंघ के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रहलाद टाटवाल ने बताया कि इन्दौर के जुझारु एवं लगनशील सेवाभावी वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रकाश महावर कोली को कोली समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सत्यनारायण पंवार एवं राष्ट्रीय संगठक श्री सुनील कछवाय की अनुशंसा पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनोनित किया गया, उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री विरेन्द्र कश्यप ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नियुक्ति पत्र भेंट किया गया।
– श्री पंवार ने रखा प्रस्ताव :-
अखिल भारतीय कोली समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद (उज्जैन) श्री सत्यनारायण पंवार ने दलित व पिछड़े वर्गों पर देश में हो रहे बढ़ते अत्याचार पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में भारत के संविधान को लेकर विभिन्न राजनितिक दलों द्वारा की जा रही चर्चाओं से सामने आयी हैं, वह काफी चिंताजनक हैं, अखिल भारतीय कोली समाज उस पर गहराई से चिंता कर रहा है और चिंचित भी है। यह संगठन सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करना चाहता है, कि भारतरत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर द्वारा रचित संविधान की मूल धारणा के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ किए जाने से परहेज करें। कोली समाज की राष्ट्रीय कार्यकारिणी दलितों और पिछड़ों की सामाजिक, शैक्षिणिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिति पर गहरा आकलन करने के उपरांत इस नतीजे पर पहुंचा है कि केंद्र व प्रदेश की विभिन्न सरकारों द्वारा इन वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएँ बनाई गई, परन्तु उनके जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में लापरवाही के कारण उसका संपूर्ण लाभ इन वर्गों को नहीं मिल रहा है। अखिल भारतीय कोली समाज का मानना है कि केंद्र व प्रदेश सरकार जब तक ऐसी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए सख्त रवैया नहीं अपनाएगी उसको बनाने का कोई लाभ नहीं होगा। केंद्र सरकार द्वारा अनुसुचित जाति, अनूसूचित जनजाति के लिए योजनाओं जनसंख्या के अनुपात के अनुसार बजट आंवटित किया जाता है, परन्तु उसका सभी प्रदेशों में मनमाने ढंग से उपयोग किया जा रहा है। अखिल भारतीय कोली समाज का मानना है कि इस पर केंद्र सरकार सख्त कदम उठाए और कुछ प्रदेशों में इससे संबंधित एक्ट बने हैं, उसी को आधार बनाकर सभी प्रदेशों में उनका उपयोग किया जाए, आरक्षित राशि का सदुपयोग इन वर्गों पर ही हो।
श्री पंवार ने कहा कि कोली जाति देश के विभिन्न प्रदेशों में सैकड़ों उपजातियों में लगभग 15 से 18 करोड़ है, जो कहीं अनुसूचित जाति में, तो कहीं अनूसूचित जनजाति और ओबीसी वर्ग में बंटी हुई है और उनकी विभिन्न प्रदेशों में अलग-अलग समस्याएं हैं, उन्हें केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार प्राथमिकता के आधार पर महत्व देकर समाधान करें। कई प्रदेशों में तो वह केवल मात्र समानार्थी के ही कारण है, जैसे कोली और कोरी। इस प्रकार के सभी मामलों को प्रदेश सरकारों को प्राथमिकता पर निपटाना चाहिए ताकि उन्हें जहां-जहां आरक्षण व अन्य सुविधाएं मिल रही है, उनका लाभ उन सभी को मिल सके ।
आज नौजवानों में बढ़ते नशे के कारण देश एक खास परेशानी से गुजर रहा है। कोली समाज के भी परिवार इस कारण परेशान है। कोली समाज इसके खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाएगा ताकि इस बुराई से निपटा जा सके।