*इंदौर में 50,000 से भी अधिक युवाओं के प्रीवेंटिव हेल्थ टेस्ट कार्यक्रम में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, जैन समाज के प्रमुख संत प्रमाण सागर जी ने भी दी अभियान को शुभकामनाएं*

जैन समाज के प्रमुख संत आचार्य प्रमाण सागर जी महाराज के चातुर्मास के मंच पर हेल्थ ऑफ इंदौर कार्यक्रम की युवाओं के प्रीवेंटिव हेल्थ केयर संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई।

यह एक अद्भुत अवसर था जब धर्म और स्वास्थ्य दोनों की चर्चा एक मंच से हो रही थी।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रीवेंटिव हेल्थ केयर के इस अभियान को शुभकामनाएं दी और आचार्य श्री के चरणों में प्रणाम करते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रीवेंटिव हैल्थ केयर से सम्बंधित पॉलिसी बनाएगी।

साथ ही, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उनकी सरकार द्वारा धर्म एवं गोवंश संवर्धन से जुड़े हुए फैसलों का भी जिक्र किया।

आचार्य श्री प्रमाण सागर जी ने जीवन शैली को बदलने पर बल देते हुए कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार के सहयोग से ऐसे अभियान को और विस्तृत रूप दिए जाने की आवश्यकता है ताकि लोग बीमार ही ना पड़े।

सांसद शंकर लालवानी ने बताया की प्रीवेंटिव हेल्थ केयर आज एक अनिवार्यता बन गया है क्योंकि इंदौर में अब तक हुए 3.30 लाख से भी ज्यादा टेस्ट के नतीजे चिंताजनक है और युवाओं की सेहत पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

डॉक्टर विनीता कोठारी ने पिछले दो दिनों में इंदौर में हुए 50,000 से भी ज्यादा युवाओं के टेस्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बताया की युवाओं में क्रिएटिनिन का लेवल, ब्लड ग्लूकोस, एसजीपीटी, ब्लड प्रेशर समेत कई महत्वपूर्ण पैरामीटर असामान्य मिले हैं और यह रिपोर्ट निश्चित रूप से बेहद चिंताजनक है।

हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान के अंतर्गत हाल ही में 50,000 युवाओं के टेस्ट पिछले दो दिनों में किए गए हैं और अब तक एक लाख से भी ज्यादा युवाओं के टेस्ट किए गए हैं और इसकी रिपोर्ट परेशानियां बढ़ने वाली है।

50,000 युवाओं के टेस्ट में 3.43% युवाओं का ब्लड ग्लूकोस लेवल असामान्य पाया गया है वही लगभग 10% युवाओं का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ पाया गया है।

किडनी की बीमारी से जुड़ा क्रिएटिनिन का लेवल 2% युवाओं का असामान्य पाया गया है, वहीं करीब 7% युवा ऐसे हैं जिनका एसजीपीटी पैरामीटर में गड़बड़ी पाई गई है यानी वे लीवर की बीमारी के शिकार हो सकते हैं। साथ ही, 34% युवाओं का ब्लड प्रेशर लेवल असामान्य रहा है।

इस सर्वे के मुताबिक चिंता की एक और बड़ी वजह युवाओं का स्लिप पैटर्न और असामान्य फूड हैबिट भी है। सर्वेक्षण में शामिल करीब 48% युवाओं के स्लिप पैटर्न असामान्य पाए गए वहीं 90% से भी ज्यादा युवाओं की फूड हैबिट्स असामान्य मिली है।

इस कार्यक्रम में धर्म प्रभावना समिति के नवीन गोधा, अशोक दोशी, हर्ष जैन, रितेष पाटनी, समेत सदस्यों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया वहीं हेल्थ ऑफ इंदौर की तरफ से गोपाल गोयल, अशोक अधिकारी एवं सांसद सेवा संकल्प की ओर से विशाल गिदवानी ने मुख्यमंत्री एवं अतिथियों का स्वागत किया।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम