ममलेश्वर ओंकारेश्वर को लेकर शीघ्र ट्रस्ट बनाया जाएगा
दैनीक आगाज इंडिया 15 जून 2025 खण्डवा, ओंकारेश्वर ( ललित दुबे ) ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है ऐसे में उज्जैन महालोक की तर्ज पर ओंकारेश्वर ममले तीनश्वर महालोक दोनों मंदिरों को मिलाकर ट्रस्ट बनाने की मांग लंबित है
भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पुजारी परिवार का 300 वर्ष पुराना इतिहास है
वास्तविक पुजारी परिवार के पूर्वजों द्वारा द्वारा
अपने मुंह बोली बानेज को गप्पु सीह जो वास्तविक मंदिर के पुजारी थे के द्वारा भानेज बुदेसीह . रतन सीह . अन्य को संवत 16 सो एक मे ममलेश्वर मंदिर मे दो – दो वर्ष के लिए बिलाया के परिजनो को आजीवीका चलाने हेतु चढोती उठाने के अधिकार मैं शामिल कर लिया था 2 वर्ष भानेज परिवार और 2 वर्ष स्वयं के वंशज चरोतरी उठाएंगे –
किंतु एन केन प्रकारेण तरीके से छल पूर्वक पुजारी परिवार के वास्तविक दावेदारों को दरकिनार करते हुए मुंह बोली बहन के वंशजो द्वारा मंदिर चाढ़ोत्री पर एकाधिकार कर लिया है यह कहना है वास्तविक पुजारी परिवार के वंशज किशोर सिंह का किशोर सिंह द्वारा ममलेश्वर मंदिर के पुजारी होने के दावे के लिए लिए 300 वर्ष पुरानी वंशावली सहीत सम्पूर्ण दस्तावेज मंगलवार को लगने वाली जनसुनवाई में आवेदन देकर कलेक्टर से ट्रस्ट बनाने की मांग की है तथा प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के अनुकूल एवं विधिसम्मत तरीके से पुजारी परिवार को स्थान ट्रस्ट मे देने की मांग की गई है
जैसे काशी विश्वनाथ (वाराणसी) और महाकालेश्वर (उज्जैन) मंदिरों का विस्तार व सौंदर्यीकरण कर विश्वस्तरीय तीर्थ बनाए गए हैं, वैसे ही भगवान ममलेश्वर और ओंकारेश्वर मंदिरों के भी समुचित विकास की आवश्यकता है।
यहां विराजित ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग देश के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में चौथे क्रम का है। वर्ष 2028 के सिंहस्थ महाकुंभ में उज्जैन आने वाले तीर्थयात्रियों में से 80% श्रद्धालु ओंकारेश्वर दर्शन के लिए आएंगे लेकिन प्रशासन को करोड़ों में आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु पर्याप्त व्यवस्था की चिंता नहीं है
गौरतलब है कि गंगा किनारे काशी, क्षिप्रा किनारे उज्जैन और नर्मदा किनारे ओंकारेश्वर ममलेश्वर– पवित्र तटों पर ज्योतिर्लिंग विराजमान हैं। परंतु ओंकारेश्वर मंदिर क्षेत्र वर्षों से उपेक्षा का शिकार है। वहीं दूसरी तरफ ममलेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए आधारभूत सुविधाओं की कमी, गंदगी, अतिक्रमण और ट्रस्ट की अनुपस्थिति से यहां तीर्थयात्रा बाधित होती है।
हालांकि प्रसादम योजना के अंतर्गत ₹40 करोड़ से अधिक कार्य पूर्ण हुए हैं एवं नर्मदा तट पर 108 फीट ऊंची आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण कार्य हो चुका है। शंकराचार्य परिसर के विस्तार के सेकंड पेज के टेंडर भी हो चुके हैं फिर भी मंदिर विस्तार और सौंदर्यीकरण की दिशा में कोई कार्य विशेष नहीं हुए हैं। ओंकारेश्वर मंदिर का गर्व ग्रह छोटा होने के कारण तथा मंदिर परिसर में भी पर्याप्त जगह न होने से श्रद्धालुओं को काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है यहां तक की जेपी चौक से लेकर तथा उधर झूला पुल से लेकर मंदिर तक मूलभूत सुविधा भी श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध नहीं है
विशेष चिंता का विषय यह भी है कि देश के अन्य सभी ज्योतिर्लिंग मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित हैं, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर का भी ट्रस्ट बना हुआ है लेकिन ममलेश्वर मंदिर ट्रस्ट विहीन है। पुजारी परिवार को मिलने वाले करोड़ों रुपये प्रतिवर्ष मंदिर विकास में खर्च नहीं होते, जिससे पारदर्शिता और श्रद्धालुओं के लिए सुविधा प्रभावित होती है।
साथ ही, नर्मदा नदी में जलस्तर अस्थिर होने से स्नान के दौरान हर वर्ष 20 से अधिक श्रद्धालु डूबकर जान गंवा देते हैं। स्थायी समाधान के लिए नर्मदा-कावेरी संगम पर स्टॉप डेम बनाने की मांग उठ रही है।
ओंकारेश्वर तक पहुंचने वाले दोनों मार्गों को फोरलेन में बदलना, जिसमें ओंकारेश्वर से मोर तक का टक मार्ग का फोरलेन टेंडर होकर विकास कार्य चल रहा है वही ओंकारेश्वर से सनावद तक का भी फोर लाइन मार्ग बना दिया जाए था श्रद्धालुओं के आने जाने हेतु बहुत ही सुविधा हो जाएगी घाटों का जीर्णोद्धार, वन सफारी और कॉरिडोर निर्माण ममलेश्वरमंदिरलोक निर्माण जैसे सुझाव भी स्थानीय जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों द्वारा दिए जा रहे हैं।
ओंकारेश्वर मंदिर के ट्रस्टी जंग बहादुर सिंह ने बताया कि मंदिर विस्तार के लिए जूना महल की 11,000 स्क्वे.फीट भूमि खरीदी जा चुकी है, जहां जल्द ही श्रद्धालुओं के लिए विशाल मंदिर परिसर विकसित होगा।
क्षेत्र के समाजसेवी विजय जैन, , प्रभाकर केरलकर नवल किशोर शर्मा ललित दुबे व अन्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से ओंकारेश्वर को राष्ट्रीय तीर्थ स्वरूप में विकसित करने की मांग की है।
क्या कहते है जिम्मेदार – –
ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर मंदिर के संबंध में मेरे पास खंडवा जनसुनवाई में दिया आवेदन अभी नहीं आया है अगर आपके पास ममलेश्वर मंदिर से संबंधित कोई दस्तावेज जनकारी है तो मुझे भेज देवे
शिवम प्रजापति एसडीएम पुनासा

