स्टेट प्रेस क्लब के रूबरू कार्यक्रम में पधारे स्वर विज्ञान विशेषज्ञ श्री अरुण शर्मा

श्वासों को नियंत्रित करने से संभव है स्वास्थ्य सुधारना और अपना भविष्य संवारना : अरुण शर्मा

दैनिक आगाज इंडिया 16 फरवरी 2025 इंदौर। आज खराब जीवन शैली के कारण हमारी श्वास लेने की गति तेज़ होती जा रही है। भगवान ने हमारी आयु नहीं बल्कि सांसों की संख्या निश्चित की है और हम एक मिनट में अपनी सांसों की संख्या घटाकर अपनी आयु बढ़ा सकते हैं।

ये बातें सिंगापुर में बिज़नेस कन्सलटेन्ट एवं स्वर विज्ञान विशेषज्ञ श्री अरुण शर्मा ने स्टेट प्रेस क्लब, मप्र द्वारा आयोजित रुबरु कार्यकम में कहीं। उन्होंने श्वास लेने के तरीके और उस पर नियंत्रण को मनुष्य की जीवन की उन्नति या अवनति का कारण बताया। उन्होंने कहा कि सांसों का पैटर्न बदलकर हम अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि सांस अंदर लेने में आम तौर पर 3 सेकंड और छोड़ने में 2 सेकंड लगते हैं। इस राधाकृष्ण पैटर्न ऑफ ब्रीदिंग भी कहते है। लेकिन आज जीवन शैली की गड़बड़ियों के कारण एक मिनट के श्वास की सामान्य संख्या 18 हो गई है। लेकिन यदि आपकी प्रति मिनट सांसों की संख्या तीस के आसपास है तो आप विचलित और बीमार हैं जबकि यदि आपकी श्वसन की संख्या 12 से कम है तो आप स्थिर मन और योगी अवस्था में हैं।

श्री अरूण शर्मा ने श्वास की गहराई, बायो रिदम, एक्टिव नॉस्ट्रिल, फ्रिक्वेंसी, श्वास की लंबाई, उसे होल्ड करने की क्षमता आदि के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उसे अच्छे स्वास्थ्य से जोड़ने के टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि स्वर विज्ञान जीवन शक्ति प्राण के प्रवाह को बढ़ाने के लिए काम करता है ताकि उज्ज्वल स्वास्थ्य, मजबूत ऊर्जा, मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक संबंध बनाया जा सके। उन्होंने स्वर विज्ञान की प्राथमिक प्रायोगिक बातों से भी अवगत कराया। रूबरू कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों के नागरिकों ने दिलचस्पी के साथ सहभागिता की। श्री अरूण शर्मा ने दर्शकों के प्रश्नों के भी विस्तृत उत्तर दिए।

कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण में स्टेट प्रेस क्लब, मप्र के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार खारीवाल, सुश्री शीतल रॉय, मीणा राणा शाह, सोनाली यादव, कुमार लाहोटी एवं तिरंगा अभियान के संयोजक श्री रवि अतरौलिया ने श्री अरुण शर्मा एवं समन्वयक माउथ आर्गन वादक श्री विष्णुकांत शर्मा का स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किए। कार्यक्रम का संचालन संस्कृतिकर्मी एवं पत्रकार आलोक बाजपेयी ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन श्री संजय मेहता ने किया।

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