दैनिक आगाज इंडिया 16 अप्रैल 20265 इन्दौर, भारत के दक्षिणी छोर कन्याकुमारी में गोपाल किरन समाजसेवी संस्था द्वारा एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया के सहयोग से सामाजिक सशक्तिकरण एवं वित्तीय साक्षरता विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन वायएम सीए, के सभागृह में डॉ. अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर कन्याकुमारी में आयोजित किया गया। जिसका उद्घाटन श्री सूर्यकांत शर्मा (सीनियर कंसलटेंट एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड ऑफ इंडिया पूर्व डीजीएम सेबी नई दिल्ली) ने किया इस अवसर पर कहा कि गरीब अभिशाप नही उसको बेहतर नियोजन से दूर किया जा सकता है ।अपना अनुभव साझा किया सभी को बताया कि सेवानिवृत्ति के बाद आपको पैसा चाहिए होता है तो उसको कैसे और कहां निवेश करना चाहिए इसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।
कर्नाटक विश्वविद्यालय धारवाड़, हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ. एल. पी. लमाणी जी अपने भाषण में कहा कि भारतीय समाज : सशक्तिकरण तथा वित्तीय सशक्तिकरण के संदर्भ में डॉ भीमराव अंबेडकर जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । और जाती विषमताएं समाज में जनता को जझजोर कर दिया था । उसका उन्मूलन में आंबेडकर जी ने अपना प्रयास किया । इस तमिल प्रांत में प्राचिन काल में अलावार संतो ने सामाजिक विषमताओं को अपने तन्मयता पूर्ण रवनाओं के जरिए किया है । उन्होंने अपने सीनालियर दिव्य प्रबेंडम ग्रंथ में देख सकते है । और इसी प्रयास का परिणाम है कि पूरे देश में सशक्तिकरण सफलता पूर्वक प्रभाव पड़ने लगा था । डॉ.एम.आर.रायपुरिया आदर्श ने सामाजिक सशक्तिकरण में डॉ भीमराव अम्बेडकर जी ने अपना प्रयास किया। हम सब भारत वासियों का फर्ज है की उस महा मानवतावादी के आदर्शों को पालना करना करने को कहा है । अनुभव के आधार पर अंबेडकर उनके शोध प्रॉब्लम ऑफ रूपी के निष्कर्ष पर ही भारत में भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना की गई जिसका हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। श्री आदित्य प्रताप सिंह , (सामाजिक चिंतक एवं जनरल इंश्योरेंस चेन्नई)ने सामाजिक सशक्तिकरण वित्तीय साक्षरता पर बहुत ही कम एवं सधे एवं सरल शब्दों में अपने विचार साझा किये। कई कई वक्ताओं में अपने विचार रखें। विशाखापट्टनम से पधारी डॉ. बी.लक्ष्मी, ने बहुभाषी कविताएं अपने अनोखे अंदाज में हर परदेस की दो-दो पंक्तियों में प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में जे. नागराजन,एसोसिएट प्रोफेसर तमिलनाडु,डॉ. पुरुषोत्तम अर्गल, आदि विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया वे अंत तक मंचासीन रहे। अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत हाथरस उत्तर प्रदेश से पधारी कुमारी प्रियंका सिंह ने किया।कार्यक्रम संचालन भार डॉ. महिमा सिंह जी ने संभाला डॉक्टर महिमा सिंह जी एक शिक्षिका ,लेखिका पर्यावरण सामाजिक विद् है साथ ही साथ धर्म एवं समाज के कई पहलुओं पर सार्थक कार्य कर रही है समय समय पर काउंसलिंग करके कई बार बहुत जटिल समस्याओं को मिनट में सरलता से शूज मूल से सुलझाने की कला में माहिर है उनकी जिंदा दिल्ली एवं खुशमिजाज व्यक्तित्व सभी को खूब भाया। अपनी एकल काव्य पुस्तक भावमीहिका में से “तीन प का जाल” नामक कविता का काव्य पाठ किया जिसे सभी ने सराहा । छत्तीसगढ़ धमतरी से पधारी श्रीमती बी. यदू प्रधान अध्यापक ने सावित्री बाई फुले पर एकल नाटक प्रस्तुत किया जो की बहुत ही प्रभावशाली रहा उनकी अभिनय शैली भी बहुत ही उत्कृष्ट रही सभी ने उसको पसंद किया और सराहा। संस्था के संस्थापक श्रीप्रकाश सिंह निमराजे का सरल व्यक्तित्व सभी को भाया , कार्यक्रम का आरंभ संविधान की उद्देशिका वाचन से हुआ जिसका वाचन डॉ.उद्धव पटेल सहायक मेडिकल ऑफिसर रायगढ़ ने किया तत्पश्चात डॉ.बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर सभी ने माल्यार्पण किया। कार्यक्रम की भूमिका एवं उद्देश्यों पर प्रकाश संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश सिंह निमराजे ने डाला और बताया कि किस तरह से संस्था ने अपने कार्य का आरंभ कर आज यहां तक पहुंची है और विषय पर अपनी बात रखी। समारोह का सूत्र संचालन डॉ महिमा सिंह जी ने बड़े शानदार रूप से किया । इस अंतराष्ट्रीय सम्मेलन में देश अनेक राज्यों से अथितिगण प्रतिभागी अध्यापक साहित्यकार, सामाजिक चिंतक आदि के साथ 150 से अधिक मौजूद सहभागी रहे है।
कार्यक्रम श्रीप्रकाश सिंह निमराजे के नेतृत्व में के.सी. मीणा (IFS) के संरक्षत्व में माया एस एच के मार्गदर्शन में किया गया।


