इंदौर जिले में लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए विशेष अभियान प्रारंभ।

निराकरण में लापरवाही पर कार्रवाई, उत्कृष्ट कार्य पर मिलेगा पुरस्कार।

अभियान की निर्धारित अवधि में प्रकरण निराकृत नहीं होने की सूचना देने वाले आवेदकों को भी 5 हजार रूपये की दी जायेगी पुरस्कार राशि।

कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न।


दैनिक आगाज इंडिया 16 जून इंदौर,इंदौर जिला प्रशासन ने जिले में लंबित राजस्व प्रकरणों के शीघ्र एवं प्रभावी निराकरण के उद्देश्य से एक अभिनव और कठोर निगरानीयुक्त अभियान की शुरुआत की है। इस विशेष अभियान के तहत 31 मई 2025 तक जिले में लंबित सभी राजस्व प्रकरणों का निराकरण आगामी 15 जुलाई तक सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान की प्रगति की लगातार सतत, प्रभावी और परिणाममूलक मॉनिटरिंग की जायेगी। अभियान के तहत राजस्व प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही पाये जाने पर संबंधित राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई होगी। उत्कृष्ट कार्य पर संबंधित अधिकारियों को पुरस्कार मिलेगा। अभियान की निर्धारित अवधि में प्रकरण निराकृत नहीं होने की सूचना देने वाले आवेदकों को भी 5 हजार रूपये की पुरस्कार राशि दी जायेगी।
यह जानकारी आज यहां कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने समय-सीमा के प्रकरणों के निराकरण (टीएल) की समीक्षा बैठक में दी। बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री शिवम वर्मा, अपर कलेक्टर श्री गौरव बेनल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आर.पी. अहिरवार, अपर कलेक्टर श्री रोशन राय, श्री रिंकेश वैश्य, श्री राजेन्द्र रघुवंशी तथा श्रीमती निशा डामोर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा
बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने समय-सीमा के पत्रों और सीएम हेल्पलाइन के आवेदनों के निराकरण की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाई जाये। 50 दिनों से अधिक के लंबित प्रकरणों के निराकरण में विशेष ध्यान दें। प्रकरणों का सकारात्मक निराकरण सुनिश्चित किया जाये। बैठक में उन्होंने छावनी अनाज मंडी स्थानांतरित करने के संबंध में की जा रही कार्रवाई की प्रगति की समीक्षा भी की।
होगी कार्रवाई-मिलेगा पुरस्कार
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जाये। जिले में 31 मई 2025 तक लंबित सभी प्रकरणों के निराकरण 15 जुलाई 2025 तक सुनिश्चित किया जाये। इसके लिये अभियान शुरू किया गया है। प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं उत्कृष्ट और समयबद्ध कार्य करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया जाएगा।
सूचना देने पर आवेदकों को भी मिलेगा पुरस्कार
अभियान की एक विशेष बात यह है कि जिन आवेदकों के प्रकरण 15 जुलाई 2025 तक भी निराकृत नहीं हो पाए हैं, ऐसे प्रकरणों की सूचना देने वाले आवेदकों को 5 हजार रूपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। यह राशि संबंधित राजस्व अधिकारी के वेतन से वसूल की जाएगी, जिससे जवाबदेही की स्पष्ट व्यवस्था की जा सके।
एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित कैमरों से होगी निगरानी
प्रशासन द्वारा इस अभियान को पारदर्शी और परिणाममुखी बनाने हेतु तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। राजस्व न्यायालयों में अधिकारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित कैमरों की निगरानी व्यवस्था लागू की जा रही है। यह तकनीकी नवाचार न्यायालयीन प्रक्रिया में अनुशासन और जवाबदेही लाने का प्रयास है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बताया कि यह अभियान न केवल लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण की दिशा में एक मजबूत पहल है, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता के नए मानदंड भी स्थापित करेगा।
प्रकरण निराकृत करने के साथ ही आवेदकों को दिलाना होगा कब्जा
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने सभी अपर कलेक्टरों और एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने स्तर से अभियान की प्रगति की लगातार समीक्षा करें। सीमांकन के प्रकरण भी समय-सीमा में सुनिश्चित कराये। सीमांकन के लिये मशीनों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। निजी मशीन भी लेवें। पटवारियों से भी सीमांकन करायें। उन्होंने निर्देश दिये कि कब्जे के प्रकरण निराकृत करने के साथ ही संबंधित को कब्जा भी अनिवार्य रूप से दिलाया जाये। राजस्व प्रकरण निराकृत करने के साथ ही उसे अभिलेखों में भी दर्ज किया जाये। अभिलेख में दर्ज करने के पश्चात ही प्रकरण निराकृत माना जायेगा।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध लगाई पेनल्टीा
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने नामांतरण के प्रकरण समय-सीमा में निराकृत नहीं करने वाले राजस्व अधिकारियों के विरूद्ध लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत पेनल्टी लगाई है। जिन अधिकारियों के ‍विरूद्ध पेनल्टी लगाई गई है उनमें नायब तसीलदार बड़ा बागंड़दा, बिचौली हप्सी, सिमरोल, आगरा, बेटमा, मानपुर, सांवेर, कनाड़िया तथा तहसीलदार देपालपुर, डॉ. अम्बेडकर नगर महू और मल्हारगंज शामिल है।

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