शिक्षक ही देश में अनुशासित, देशभक्त, संवेदनशील, प्रगतिशील विचारधारा से परिपूर्ण सभ्य विद्यार्थी और देश के गौरवशाली नागरिक का सृजनकर्ता होता है – डॉ. भरत शर्मा”

उक्त विचार संस्कृति मंत्रालय सदस्य – डॉ. भरत शर्मा ने प्रदेश के प्रतिष्ठित विद्यालय सैंट पॉल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय द्वारा आयोजित वार्षिकोत्सव “परिवर्तन २०२४” में बतौर मुख्य अतिथि कहीं।आपने कहा मुझे आप अतिथि ना माने वरन् इस विद्यालय का छात्र ही माने। अपने विद्यालय में शिक्षण प्राप्त करने के बाद उसी विद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित होना किसी भी छात्र के लिए गौरवशाली क्षण होता है । आपने छात्रों को भविष्य में होने वाली शैक्षणिक और व्यावहारिक प्रतिस्पर्धा के लिए आज से ही तैयारी करने की प्रेरणा दी और छात्र को शिक्षण के अलावा, व्यावहारिक ज्ञान, अनुशासन, देशभक्ति, संवेदनशील और स्वावलंबी जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया। आपने कहा कि जब फिर कोई छात्र इसी विद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में पधारेगा वह क्षण ना केवल उसके लिए वरन् विद्यालय के लिए भी यादगार क्षण रहेगा। आपने सांस्कृतिक कार्यक्रम में महिलाओं के प्रति सामाजिक कुरीतियों के विषय में भारतीय संस्कृति की सीख देते हुए कहा की हमारी संस्कृति में नारी का सम्मान सर्वोच्च रखा गया है । “यत्र पूज्यन्ते नारीयस्तु रमणते तत्र देवता” श्लोक के माध्यम से नारी के प्रति सम्मान पर अपना विचार रखा।विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा भारतीय कुरीतियों, सामूहिक परिवार, योग, शिक्षा और उनके महत्व पर आधारित नाट्य और नृत्य के शानदार प्रदर्शन ने सबका मन मोह लिया ।डॉ. भरत शर्मा का सम्मान श्रीफल और स्मृति चिह्न से विद्यालय के प्रधानाचार्य फादर श्री सिबी जोसेफ़ ने किया। कार्यक्रम में मनीष दीक्षित (टीटू), इंडोथाई कमोडिटी के श्री बंडी, वीरेंद्र पुराणिक, विशिष्ठा शर्मा, राजेश जोसेफ और बढ़ी संख्या में छात्र छात्राएँ और उनके पालक मौजूद रहे ।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम