एक ही छत् के नीचे दिखेगी साहित्य, संस्कृति, कला, संगीत और नृत्य की झलक
200 कलाकारों की पेंटिंग प्रदर्शनी नुमाया होगी, 20 कला समूह देगे ओडिसी और कथक नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति
दैनिक आगाज इंडिया 17 फरवरी 2025 इंदौर। साहित्य, संस्कृति, कला, संगीत और नृत्य और रंगमंच को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश भर में सक्रिय संस्था कलास्तंभ का बहुप्रतिक्षित कला महाकुंभ इस बार भी गाँधी हाल में होगा। यह जानकारी देते हुए संस्था के निदेशक पुष्कर सोनीआAAtu za,. z2ZZ xd se ZAsz और संस्था अध्यक्ष सपना फटकर ने बताया कि यह कला महाकुंभ 21 फरवरी से शुरू होकर 23 फरवरी तक रोजाना सुबह,10 बजे से रात्रि,10 बजे तक चलेगा। तीन दिनों में मध्य प्रदेश सहित बिहार गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यो के करीब10 हजार लोगो के आने की संभावना है।
महाकुंभ में जहां विभिन्न शहरों के 200 आर्टिस्ट अपनी पेंटिंग को प्रदर्शित करेगे, वही 20 से अधिक कला समूह कथक और ओडिसी नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति देगे। आयोजन में मुंबई के कलाकार आर्ट की वर्कशॉप लेंगे, वही रंगोली, पेंटिंग, मेहंदी की प्रतियोगिता भी होगी। विजेताओ को नगद इनाम देकर पुरस्कृत किया जायेगा। इसके अलावा कवि सम्मेलन, मुशायरा, बैंड शो और होली संगीत भी होगा। इस महाकुंभ में सभी कलाप्रेमियों के लिए प्रवेश निशुल्क है। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 7509922082 पर संपर्क किया जा सकता है।
निदेशक पुष्कर सोनी ने आगे बताया कि कला केवल कल्पना की उड़ान नहीं, बल्कि समाज का दर्पण है। इसी दर्शन को आत्मसात करते हुए “कला स्तंभ” ने स्वयं को मात्र एक संस्था नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में स्थापित किया है। इंदौर में जन्मी यह पहल अब कला के राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही है।
कला स्तंभ का मूल उद्देश्य कलाकारों को एक प्रभावी मंच, संसाधन, और मार्गदर्शन प्रदान करना है, जिससे वे अपनी कला को न केवल संवार सकें, बल्कि उसे सही पहचान और सम्मान भी दिला सकें। इस पहल के अंतर्गत मध्यप्रदेश कला महोत्सव, फोटोग्राफी एग्जीबिशन, और कला शिविरों जैसे आयोजन किए जाते हैं, जो कला प्रेमियों, नवोदित कलाकारों और अनुभवी दिग्गजों को एक मंच पर लाते हैं।
सामाजिक उत्तरदायित्व और भविष्य की योजनाएँ
कला स्तंभ ने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) योजनाओं के तहत निःशुल्क कला प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली कलाकारों को उचित मार्गदर्शन मिल सके। इसके अलावा, संस्था राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय कला को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों के साथ साझेदारी करने की दिशा में भी कार्य कर रही है।
कला स्तंभ केवल एक नाम नहीं, बल्कि कला की शक्ति को स्थापित करने का अभियान है। यह संस्था कला को केवल एक शौक नहीं, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन के साधन के रूप में देखती है। इसकी हर पहल संस्कृति, परंपरा, और आधुनिकता के संगम को दर्शाती है, जिससे भारतीय कला को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिल सके।
“जहाँ कला है, वहाँ सृजन है, और जहाँ सृजन है, वहाँ भविष्य है!”