बड़वानी । 4 जुलाई, 2024 को प्राथमिक विद्यालय ग्राम मौजाला तहसील निवाली जिला बड़वानी मध्य प्रदेश में एक ऐसी घटना घटित हुई जिसमें एक कक्षा पांचवी के एक विद्यार्थी अनिल पिता बाल की मौके पर ही मौत हो गई एवं दूसरा विद्यार्थी श्रीराम पिता परसराम गंभीर रूप से घायल हुआ, जिसका इलाज चल रहा है ।
इस *”मौजाला करंट कांड”* में कई सरकारी विभागों की लापरवाहियां सामने आ रही है ।
मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री पोरलाल खर्ते ने बताया कि पहली लापरवाही स्कूल भवन निर्माण के समय भवन में लाइट फिटिंग नहीं किया जाना यदि भवन में लाइट फिटिंग कर स्थाई बिजली कनेक्शन दिया जाता तो शायद यह घटना घटित नहीं होती ।
दूसरी लापरवाही निर्वाचन आयोग एवं पंचायती विभाग की है । 2 वर्ष पूर्व पंचायत चुनाव संपन्न करवाने हेतु इस प्राथमिक विद्यालय भवन को मतदान केंद्र बनाया गया । लाइट व पंखे की व्यवस्था हेतु इस भवन में अस्थाई विद्युत कनेक्शन दिया गया । चुनाव संपन्न होने के पश्चात भी विद्युत कनेक्शन विच्छेद नहीं किया गया,जो कि घटना का कारण बना ।
तीसरी लापरवाही शिक्षा विभाग की है । स्कूल में पदस्थ शिक्षक 10:30 बजे की बजाय 1:00 बजे उपस्थित हुआ और बारिश होने के बावजूद भी स्वयं या अन्य स्टाफ से स्कूल ना खुलवाते हुए उक्त दोनों विद्यार्थियों को स्कूल का ताला खोलने हेतु आदेशित किया गया । इस प्रकार की लापरवाही सिर्फ मौजाला गांव में ही हुई ऐसा नहीं है,बल्कि समस्त ग्रामीण इलाकों में शिक्षकों का समय पर नहीं पहुंचने सिलसिला निरंतर जारी है। इसकी कोई मॉनिटरिंग नहीं हो रही है और विद्यार्थियों का भविष्य खराब किया जा रहा है तथा प्राइवेटाइजेशन को बढ़ावा देने में वर्तमान सरकारें मदद कर रही है । चौथी लापरवाही राजस्व विभाग की है इतनी गंभीर घटना घटित होने और एक मासूम विद्यार्थी की जान जाने के बावजूद भी जिस गंभीरता से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग सहित अन्य प्रकार की मदद की जाना चाहिए थी वह नहीं की गई । इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच की जाना चाहिए, किंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार कागजी खानापूर्ति करने के लिए बीईयो, बीआरसी, संकुल प्रभारी एवं एक स्टाफ को जांच दल का सदस्य बनाया गया है । क्या शिक्षा विभाग का यह अमला अन्य विभागों के उच्च अधिकारियों की लापरवाहियों की जांच कर पाएगा और उनके खिलाफ प्रतिवेदन दे पाएगा । यह आने वाले समय में पता चल जाएगा। इतनी बड़ी प्रशासनिक लापरवाही होने के बावजूद भी स्थानीय विधायक एवं दो-दो सांसद (राज्यसभा एवं लोकसभा) के द्वारा ना तो स्कूल का निरीक्षण किया गया और ना ही पीड़ित परिवारों से मुलाकात की गई और ना ही उनके द्वारा किसी प्रकार का आर्थिक सहयोग किया गया। आदिवासी समाज के सामाजिक संगठन एवं कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं एवं आगे की न्याय की लड़ाई लड़ेंगे । हम इस गंभीर प्रकरण में पीड़ित परिवार को अंतिम समय तक न्याय की लड़ाई में सहयोग करेंगे ।