प्रणव बजाज
नाइजीरिया की दो दिन की यात्रा के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 नवंबर को ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनिरियो पहुंचे। यहां भारतीय मूल के नागरिकों ने मोदी का वैदिक परंपरा से स्वागत किया। संस्कृत में वेद मंत्र सुनकर पीएम मोदी ने भी कलाकारों की प्रशंसा की। पीएम मोदी जब भी विदेश यात्रा पर जाते हैं तो भारत की सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने का काम करते है। इसी श्रृंखला में अयोध्या स्थित राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य गोविंद गिरी, बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर, निंबार्क पीठ के जगतगुरु श्याम देवाचार्य, योग गुरु बाबा रामदेव आदि का प्रयास है कि भारत में हिंदू एकता को मजबूत किया जाए। हिंदू समुदाय में जाति के भेदभाव को समाप्त करने के लिए धीरेंद्र शास्त्री 21 नवंबर को धार्मिक पदयात्रा निकाल रहे हैं तो 16 नवंबर को कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने धर्म संसद बुलाई। इस धर्म संसद में सनातन को बचाने का प्रस्ताव भी पास किया गया। देशभर में वैदिक शिक्षा देने के लिए वेद विद्या पीठ का संचालन करने वाले आचार्य गोविंद गिरी भी अपने आध्यात्मिक वचनों में बता रहे हैं कि भारत के हिंदू समुदाय पर जबरदस्त हमला हो रहा है। ऐसे में सनातन संस्कृति को मानने वाले हिंदुओं को एकजुट होना जरूरी है। यदि हिंदू समुदाय एकजुट नहीं हुआ तो फिर गुलामी का दौर शुरू हो जाएगा। क्योंकि अभी भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था है इसलिए वोट जिहाद भी चल रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना रहमान सज्जाद नोमानी ने स्पष्ट कहा है कि महाराष्ट्र पर सत्ता में कब्जा करने के बाद दिल्ली के शासन पर भी काबिज हो जाएंगे। नोमानी ने मुस्लिम मतदाताओं को एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट देने की अपील की है। नोमानी ने यहां तक कहा है कि जो मुसलमान बीजेपी को वोट देगा उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। वोट जिहाद को देखते हुए ही हिंदू धर्म गुरुओं ने हिंदू समुदाय को एकजुट करने का अभियान चलाया है। हिंदू धर्म गुरुओं का मानना है कि यदि एक जुटता नहीं हुई तो फिर देश में आक्रमणकारी काबिज होंगे और 900 साल पहले सनातन संस्कृति को नष्ट करने का और हिंदुओं पर अत्याचार करने का जो चक्र चला वह फिर से शुरू हो जाएगा। कांग्रेस के राहुल गांधी जैसे नेता भले ही अभी संविधान की दुहाई दे रहे हो लेकिन रहमान सज्जाद नोमानी की सोच के चलते लोकतंत्र को भी खत्म कर दिया जाएगा। हिंदू समुदाय के धर्मगुरु अपनी ओर से हिंदुओं को एकजुट करने का काम कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस के राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव, टीएमसी की ममता बनर्जी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, रजद के लालू प्रसाद यादव, झामुमो के हेमंत सोरेन जैसे नेताओं को पता है कि हिंदू समुदाय कभी भी एक नहीं हो सकता। हिंदुओं पर अत्याचार करने वालों के साथ खड़े रहने वाले अखिलेश यादव के पास उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 37 सीट हैं। विधानसभा में भी 125 विधायक है, इसी प्रकार हिंदुओं की फुट के कारण ही पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री है। महाराष्ट्र में हिंदुओं की फुट की बदौलत ही उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने की लालसा रखते हैं। बिहार झारखंड आदि राज्य में भी हिंदुओं की फुट के कारण ही हिंदू विरोधी ताकते ही सत्ता हासिल कर लेती है। राहुल गांधी से लेकर हेमंत सोरेन तक ने हिंदुओं का मुखौटा लगा रखा हो लेकिन उनकी राजनीतिक शक्ति के पीछे हिंदू विरोधी ताकत सक्रिय है। जिस दिन मजबूती मिली उस दिन राहुल गांधी, हेमंत सोरेन तक को हटाकर रहमान सज्जाद नोमानी की सोच वाली ताकते भारत पर कब्जा कर लेंगी । इन ताकतों ने हिंदुओं पर कितना अत्याचार किया है इसका सबसे बड़ा उदाहरण सिख धर्म को मानने वाले हैं। छोटे बच्चों तक को दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया। गंभीर बात तो यह है कि इतिहास की गवाही के बाद भी राहुल गांधी से लेकर ममता बनर्जी जैसे नेता मौजूद हालातो को समझने को तैयार नहीं है भारत पर रहमान सज्जाद नोमानी की सोच हावी होती है तो फिर भारत के हालात भी पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे होंगे।