अशोक रघुवंशी 9300006777
दैनिक आगाज इंडिया 24 जनवरी 2025 इंदौर, वाकई में मुख्यमंत्री मोहन यादव आप अपनी काबिलियत से केंद्रीय संघटन के निर्णय पर मोहर लगा रहे है। राजस्व हानि की परवाह किये बिना मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थलों पर शराब की दुकानें हटाने का निर्णय स्वागत योग्य है। धन्यवाद मुख्यमंत्री जी वाकई धार्मिक व आध्यात्मिक केंद्रों पर मास मदिरा की बिक्री पर पूरे देश मे ही प्रतिबंद होना चाहिए आपके इस निर्णय का अमल सम्पूर्ण देश मे भी आगे चलकर होगा ऐसी ही उम्मीद है।
हमारा आपसे एक निवेदन ओर है माँ नर्मदा भारत की 5वीं व पश्चिम-दिशा में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है। यह मध्य प्रदेश राज्य की भी सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बहती है। इसे अपने जीवनदायी महत्व के लिए “मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवनरेखा” भी कहा जाता है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के अनूपपुर ज़िले के अमरकंटक पठार में उत्पन्न होती है। फिर 1,312 किमी (815.2 मील) पश्चिम की ओर बहकर यह भरूच से 30 किमी (18.6 मील) पश्चिम में खम्भात की खाड़ी में बह जाती है, जो अरब सागर की एक खाड़ी है। कुछ स्रोतों में इसे उत्तर भारत और दक्षिण भारत की प्रारम्परिक विभाजक माना जाताारत की 5वीं व पश्चिम-दिशा में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है।
माँ नर्मदा मध्य प्रदेश राज्य की भी सबसे बड़ी नदी है। लेकिन अफसोस कुछ सालों बाद सिर्फ माँ नर्मदा की कहानियां ही हमारी आने वाली पीढ़ी पढ़ पाएगी उसका पवित्र जल दूषित हो चुका होगा ? क्यों क्योंकि माँ नर्मदा के दोनों किनारों पर लगातार आबादी की बसावट बढ़ती जा रही है और ड्रेनेज का पानी नर्मदा जल को दूषित कर रहा है
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी जो वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री है उन्हें भी हमने बार बार चेताया लेकिन उन्होंने भी सिर्फ घोषणा की की जल्द नर्मदा के दोनों किनारों पर एक ड्रेनेज लाइन डाली जाएगी जो सीधे ट्रीटमेंट प्लांटों में से कनेक्टेड होगी। फिर कुछ नही हुआ। आपके अधिकारियों के साथ आप दौरे कीजिये और देखिए आपके धार्मिक स्थलों पर बसावट का ड्रेनेज का पानी कैसे नर्मदा में मिल रहा है। उदाहरण के लिए ॐ कारजी ही हो आइये नर्मदा स्नान भी हो जाएगा और आप अपनी आँखों देख भी पाएंगे हकीकत। नही तो आगे क्या होगा ? स्थिति इंदौर के कान्हा नदी की ही देख लीजिए 20 वर्षों में अरबो रुपये डकारने के बावजूद आपके काबिल अधिकारी आज तक नाला टेपिंग नही कर पाए आज भी सिर्फ नाम बदलकर खान नाले से कान्हा नदी कर दिया गया जबकि हकीकत में आज भी नाला ही है। आपके नगरीय प्रशासन व जल संसाधन मंत्री दोनों ही स्थानीय है बावजूद इसके क्या इन्होने आपको कभी भी इस हकीकत से अपडेट किया ? मुख्यमंत्री जी आप अच्छा कार्य कर रहे है लेकिन अगर आप माँ नर्मदा को स्वच्छ बनाये रखने जल्द कोई ठोस निर्णय लेते है तो आप इतिहास के पन्नो में अमर हो जाएंगे और देश प्रदेश की आने वाली पीढ़िया आपकी ऋणी होगी।