मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने 15 दिन के कार्यकाल में ही अपना नाम मिल मजदूरों के दिलो में सुनहरी अक्षरों से अंकित कर दिया।

हुकुमचंद मिल मजदूरों का 32 सालों का इंतजार खत्म हुआ। मोहन सरकार का कार्यकाल कैसा होगा अपने सामने आने वाली चुनोतियों से कैसे निपटेंगे ये सवाल मीडिया सरकार में पिछले 15 दिनों से चल रहा था दैनिक आगाज इंडिया का भी सबसे बड़ा सवाल था कि क्या 32 सालों से हुकुमचंद मिल के मजदूर जो अपने रुपये का इंतजार कर रहे है इस मोहन सरकार के कार्यकाल में उनकी उम्मीद पूरी होगी ?

आज हमारे सभी सवालों के जवाब हमे मिल चुके है क्योंकि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी हमेशा से ही अपने निर्णयों से देश की जनता को चोकाते रहते है मुख्यमंत्रों मोहन यादव ने भी आज एक ऐतिहासिक निर्णय लेकर न सिर्फ हमे चौकाया है बल्कि गरीब मिल मजदूरों ओर उनके परिवारों में सरकार के प्रति एक नया विश्वास जगाया है। सालों से 2 नंबर ओर शहर प्रदेश देश की राजनीति में कई नैई ऊंचाइयों पर पहुँचने वाली जोड़ी रास्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं रमेश मेंदोला भी अपने इतने लंबे राजनीतिक कार्यकाल में मिल मजदूरों को न्याय नही दिला पाए आज भले ही वो सरकार के साथ खड़े हो लेकिन आज जो सम्मान इन्दौर में मिल मजदूरों को जो मिला है वो पल वाकई सरकार के प्रति भावुक करने वाला है। मोहन सरकार वाकई बधाई की पात्र है।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम