डॉ. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचारों का प्रसार किया जाए-राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल

राज्यपाल श्री पटेल ने 590 विद्यार्थियों को सौंपी उपाधि

डॉ. बी.आर. अंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस महू में दीक्षांत समारोह सम्पन्न

राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने रविवार को डॉ. बी.आर. अंबेडकर यूनिवर्सिटी ऑफ सोशल साइंस महू में आयोजित पांचवें दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की। उन्होंने सभी को परिश्रम के सुखद प्रतिफल पर बधाई भी दी।
इस अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि विद्यार्थीगण बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों का सब जगह प्रसार करेंगे और यहाँ दिलाई प्रतिज्ञा का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंदों को शिक्षा प्रदान करना विश्वविद्यालय का कर्तव्य होता है। उन्होंने गुरुजनों से आग्रह किया कि वे विद्यार्थियों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के भी योग्य बनायें। विद्यार्थीगण भी न्याय,स्वाभिमान और शील का धारण कर आगे बढ़ें, सबसे अपेक्षा है कि यहाँ सीखे नये प्रयोगों को आत्मसात् करें। सभी के आचार विचार और दृष्टि में संवेदना हो। इन आदर्शों का पालन कर भावी जीवन में प्रवेश करें और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कार्य करें। अपना कर्तव्य का अच्छे से पालन स्वयं को संतुष्टि देता है।
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होकर प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। दीक्षांत विद्यार्थियों, शिक्षकों और परिवारजन सभी के लिए खुशी का अवसर है। यह हमारे लिये अत्यन्त गौरव का विषय है कि इस विश्वविद्यालय का नाम बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर के नाम पर है। जिन्होंने संविधान का निर्माण किया है। मैं उनका स्मरण कर नमन करता हूँ। आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हार्दिक बधाई देता हूँ। उन्होंने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि, वे नए भारत और नए विश्व के निर्माण के लिए नए सपने देखिए और बड़े सपने देखिए। हमारा देश नए विचारों को अपनाने वाला देश है, जहां प्राचीनतम वेद और उपनिषद, भगवान महावीर और बुद्ध के विचार आज भी जीवंत हैं। युवा विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों का आदर करें, स्वागत करें, लेकिन अपनी जड़ों से हमेशा जुड़े रहें क्योंकि अपनी जड़ों से ही जुड़े रहना भविष्य की संजीवनी है, सृजनशीलता मिलती है।
दीक्षांत समारोह के मुख्य वक्ता जस्टिस श्री उमेश चन्द्र माहेश्वरी ने विद्यार्थियों से अपेक्षा की कि दीक्षांत उपरांत परिवार समाज के उत्थान के लिए कार्य करें। बाबा साहेब अंबेडकर के कहे मुताबिक़ शिक्षा, संघर्ष और संगठन के माध्यम से आगे बढ़ें। पीड़ित शोषित के उत्थान के लिए कार्य करें। आयोजित समारोह में 161 स्नातक, 408 स्नातकोत्तर और 21 पीएचडी के शोधार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। समारोह में कुलपति डॉ. रामदास आत्रम द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। आभार कुलसचिव श्री बघेल द्वारा व्यक्त किया गया। उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को अपने ज्ञान का उपयोग देश हित में करने संबंधी प्रतिज्ञा दिलाई गई। आरंभ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती और बाबा साहब अम्बेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित किया गया। समारोह में विश्वविद्यालय का स्टाफ और विद्यार्थियों के परिजन भी उपस्थित थे।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम