दैनिक आगाज इंडिया 31 जनवरी 2025 इन्दोर,
वर्षों से इंदोर में नोकरी कर रहे तहसीदार के पद से जुगाड़ कर इंदोर प्राधिकरण मे पहुँचे मनीष श्रीवास्तव के नाम से हर वो व्यक्ति वाकिब है जिसे लीज रिनिवल करवाना है या अन्य कोई काम है क्या इंदोर विकास प्राधिकरण में संपत्ति खरीदना क्या इतनी बड़ी गलती है कि हर छोटे काम के लिये 1 लाख से 5 लाख तक रिस्वत देनी पड़ेगी ? रिश्वतखोर मनीष श्रीवास्तव ने अपने ईमानदार अधिकारी रामप्रकाश अहिरवार जो अपना कार्य पूर्ण ईमानदारी से कर रहे है उन्हें भी बदनाम करने कोई कसर नही छोड़ी। हमने सीईओ रामप्रकाश अहिरवार की कार्यशैली देखी है आफिस में आने वाले हर व्यक्ति के काम की फ़ाइल उन्हें सामने बैठाकर तुरंत साइन कर देते है और संतुष्ट कर भेजते है ऐसा लगता है जैसे रोज इंदौर विकास प्राधिकरण में जनसुनवाई चल रही हो लेकिन … मनीष श्रीवास्तव जैसे अधिकारी न सिर्फ अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बदनाम कर रहे है बल्कि सरकार को भी जनता के कटघरे में खडा कर रहे है।
इंदोर विकास प्रधिकरण के सीईओ रामप्रकाश अहिरवार एक ईमानदार और अपने कार्य के प्रति जिम्मेदार व्यक्ति है लेकिन उनके अधिनिष्ठ भ्रष्ट अधिकारी मनीष श्रीवास्तव को हमने उनसे भी बदतमीजी पे आते देखा है क्या कोई भर्स्ट अधिकारी अपने रिश्वत के पैसे से कमाई अपार धन संपत्ति से इतना बड़ा हो सकता है कि अपने ही अधिकारी को कटघरे में खड़ा कर ख़ुद ईमानदार होने का दिखावा करने में सफल हो जाये। हर वो फ़ाइल जो मनीष श्रीवास्तव के टेबल पर आती है उसमें अपनी रुपये की सेटिंग हो गई तो ठीक नही तो अपनी कलम की ताकत से कोई न कोई त्रुटि निकालकर उसे पेंडिंग में पटक देते है…. फिर आप कही भी जाये वो काम नही हो सकता,
हमारा मुख्य मंत्री मोहन यादव जी,इंदोर सांसद शंकर लालवानी जी व इंदोर के स्थानीय मंत्री विधायकगण से निवेदन है कि मनीष श्रीवास्तव जैसे भ्रष्ट अधिकारियों को उनकी औकाद दिखाए,ऐसे अधिकारियों की जाँच लोकायुक्त से करवाये ओर तुरंत पद से हटाकर जनता को राहत दे।
वर्ना गरीब जनता के लिए आप कितनी भी योजनाएं बनाये ऐसे अधिकारी उनका आर्थिक दोहन करते रहेंगे।