महिला फरियादिया के साथ 4 लाख 89 हजार 658 रू की हुई थी ऑनलाइन ठगी।
✓आरोपी गैंग के द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में डिजिटल अरेस्ट की वारदातों को दिया था अंजाम।
✓गिरफ्तार आरोपियों का डिजिटल अरेस्ट गैंग से टेलीग्राम से हुआ था संपर्क।
✓आरोपियों ने पैसों के लालच में उपलब्ध कराए थे बैंक खाते।
✓क्राईम ब्रांच इंदौर के द्वारा ऑनलाइन ठग गैंग के विरूद्ध कार्यवाही हेतु स्पेशल टीम का गठन कर, लगातार की जा रही है कार्यवाही।
✓ इंदौर पुलिस द्वारा आरोपियों का रिमांड प्राप्त कर की जा रही है विस्तृत पूछताछ, जिसमें कई खुलासे होने की है सम्भावना।
दैनिक आगाज इंडिया 5 अप्रैल 2025 इंदौर कमिश्नरेट में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये ऑनलाइन ठगी करने वाले की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच इंदौर की स्पेशल टीम को लगाया गया था।
इसी अनुक्रम में इंदौर की निवासी महिला फरियादी के द्वारा शिकायत की गई थी जिसमें महिला फरियादी ने बताया कि दिनांक 9-11-2024 को मेरे पास एक अंजान फोन न. से कॉल आया जिसमें कॉलर ने अपना परिचय फेड-एक्स के आधिकारी के रुप में दिया और मुझसे कहा कि आपके नाम से एक पार्सल मुंबई से ईरान देश कि लिय डिसपेच हुआ था जिसको मुबई एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकरीयों के द्वारा रोक लिया गया है , आपके नाम के पार्सल में कुछ ईलीगल आईटम्स मिले है जिनके कंटेन्ट 3 अलग नाम के पासपोर्ट , एक लेपटोप एंव एमडिएमए ड्रग्स 350 ग्राम आदि सामान मिला है जो कि गैरकानूनी नशीला पदार्थ है, जिसके जवाब में मेरे द्वारा उनको यह बताया गया कि मेरे द्वारा ऐसा कोई भी पार्सल नहीं भैजा गया है जिसके बाद उन्होनें मुझसे कहा कि मेरा आधार कार्ड पार्सल से लिंक होना पाया गया है ,क्योकिं मेरे द्वारा उन्हे यह आशवासन दिया गया कि तो उन्होने मुझसे कहा कि कोई मेरे आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल कर रहा है जिसकि कंपलेन आपको मुंबई साईबर क्राईम करनी होगी , उनके द्वारा मुझसे इजाजत लेते हुये मेरे कॉल को मुंबई साईबर क्राईम में ट्रांसफर कर दिया जिसके बाद कॉलर नें कॉल उठा कर अपना परिचय मुझे मुंबई साईबर क्राईम के आधिकारी के रुप में दिया एंव मुझसे मेरी शिकायत के बारे में पूछा जिसके जवाब मेरे द्वारा उन्हो पूरी स्थीति बताई गई,मेरी पूरी स्थिती सुनकर उन्होने मुझे मुंबई आने को कहा क्योंकि मुबंई जाना मेरे लिय अभी असंभव था तो उनके द्वारा मुझे मेरी कंपलेन ऑनलाईन करने को जिसके लिये उन्होने मुझे स्काईप एपलिकेशन डाउनलोनड करवाया गया और मुझसे कहा कि आपकी कंपलेन हम विडियो कॉल पर दर्ज करेंगे जिसके बाद उनके द्वारा मुझे कॉल पर एक स्काईप आईडी MUMBAI CYBER CELL DEPARTMENT बताई गई जिस पर मुझे मैसेज करने को कहा गया, मेरे द्वारा उनको स्काईप पर मैसेज करने पर मुझे उनके द्वारा स्काईप पर विडियो कॉल किया गया विडियो कॉल के दौरान सामने कि स्क्रीन ब्लेक था सामने कोई भी व्यक्ति विडियो कॉल पर नहीं था ,कॉल के शुरु होते ही उन्होने अपनी परिचय मुंबई साईबर क्राईम के अधिकारी प्रदीप सांवत के रुप मे दिया एंव इनके द्वारा मुझे इनका एंव डीसीपी मिलिंद का आईडी कार्ड भी दिया बाद में उन्होने मुझसे मेरा आधार कार्ड का फोटो मांगा जो उन्होने वेरीफाई किया जिसके बाद उन्होने मुझसे कहा कि हम आपका आधार कार्ड चेक कर रहे है , उन्होने मुझसे कहा कि आपका आधार कार्ड ICICI और HDFC बैंक के खातों से लिंक पाया गया है और यह खाता मनी लॉंडरींग के लिय इस्तेमाल किया जाता है एंव उनके द्वारा मुझे बताया गया कि उक्त बैंक के खातो में करोड़ो रुपयों कि मनी लॉन्ड्रिंग हुई जिसमें से मुझे भी उन पैसों का हिस्सा प्राप्त हुआ है , मेरे द्वारा उनको बताया गया कि मुझे उनके द्वारा बताई गई किसी भी जानकारी के बारे में कुछ नहीं पता है जिसके बाद उन्होनें मुझसे कहा कि लोगो कि जानकारीयों का गलत इस्तेमाल क्रिमिनल्स के द्वारा किया जाता है यदि आप कॉपरेट करती हो तो हम आपको आपकी निर्दोषिता साबित करने में मदद करेगें जिसके लिय हम एक पीसीसी सर्टीफिकेट भी जारी करेंगे जो कि आपके निर्दोष का प्रमाण रहेगा , कई सारे लोंगो को हर साल हम उनकी निर्दोषिता साबित करने में मदद करते जो कॉपरेट करते है , लेकिन यदि आप दोषि पाई जाती है तो आपके खिलाफ अरेस्ट वारेंट जारी होगा, कुछ देर बाद मेरी बात डीसीपी मिलिंद से कारवाई गई जिनके द्वारा मुझसे पूछा गया कि यदि मेरे द्वारा किसी भी प्रकार का लोन किसी बैंक से लिया गया है क्या जिसके लिय उनहोने मुझसे मेरे बैंक के एप IMOBILE से लॉन सेक्शन के स्क्रीनशॉट मांगे एंव मुझसे एक लोन सेंक्सन करवाया गया , मुझसे मेरे अकाउंट का बैलेंस पुछा गया और मुझसे कहा गया कि , हमारे RBI के अधिकारी आपके इन पैसों का विषलेशण करेंगे जिसके लिये उनके द्वारा मुझे एक नोटिस भी भैजा गया जिसमें सारी प्रोसिजर लिखा हुआ था कि मेरे पैसो का IP ADDRESS ट्रेक करेंगे यदि यह पैसे आपके लीगल पाये गये तो यह आपको वापस कर दिये जावेंगे अन्यथा यह अमाउंट आपका सीज हो जावेगा मेरे द्वारा उनके दिये हुये खाता क्र. -में कुल 4,89,658/- रुपये ट्रांसफर किये गये , जिसके बाद उनके द्वारा मुझसे कहा गया कि उक्त अमाउंट में किसी भी प्रकार कि गैरकानूनी गतिविधी नहीं पाई गई है तो आपका यह पैसे हम रिफंड कर रहे है जसके उनके द्वारा मुझसे मेरी ई-मेल आईडी भी मांगी गई और मुझसे 15 मिनट बाद कॉल करने को कहा जिसके बाद उन्होने मेरी कॉल नहीं उठाया । ओर इस प्रकार आवेदिका के साथ ऑनलाइन फ्रॉड किया गया जिसकी शिकायत आवेदिका के द्वारा सायबर हेल्पलाइन पर की गई।
महिला फरियादी की शिकायत के आधार पर थाना क्राईम ब्रांच में अपराध धारा 318(4), 316(5), 111(4), BNS का अपराध पंजीबद्ध किया गया।
उक्त अपराध में तकनीकी जानकारी के आधार पर नाम आरोपी (1).नरेन्द्र कुमार अहिरवार उम्र 21 वर्ष निवासी जिला छतरपुर (म.प्र), (2). अनिकेत पटेल उम्र 20 निवासी जिला छतरपुर (म.प्र), (3). ओमनारायण अहिरवार उम्र 19 वर्ष निवासी जिला छतरपुर(म.प्र) को गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों से पूछताछ करते बताया कि वह कॉलेज में पढ़ाई करते है और पढ़ाई के साथ साथ जल्दी रुपए कमाने की नियत से आरोपी नरेंद्र के द्वारा अपना बैंक खाता आरोपी अनिकेत को दिया गया और अनिकेत ने नरेंद्र का बैंक खाता आरोपी ओमनारायण को उपलब्ध कराया, उक्त बैंक खाता उपलब्ध कराने के कार्य के लिए आरोपी नरेंद्र ओर अनिकेत को 5 से 10 हजार रुपए प्राप्त हुए और आरोपी ओम नरेंद्र के बैंक खातों को डिजिटल अरेस्ट गैंग को 30 से 40 हजार में देना स्वीकार किया है।
आरोपी ओमनारायण के द्वारा टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी डिजिटल अरेस्ट गैंग के संपर्क हुआ उसके बाद आरोपी ओमनारायण के द्वारा दिल्ली स्थित ठग गैंग को रेपिडो एवं अन्य माध्यमों से बैंक खाता एवं अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराना कबूला है।
उक्त प्रकरण में आरोपियों द्वारा पूछताछ मे अंतराज्यीय ऑनलाइन ठग गैंग के सदस्य के रूप में कार्य करना स्वीकार किया है। क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर प्रकरण में पूछताछ व विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।