दैनिक आगाज इंडिया 11 मई 2025 इंदौर –
यंग जैन स्टडी ग्रुप द्वारा सप्त दिवसीय जैन बाल संस्कार शिविर का आयोजन सन्मति विद्यालय इंदौर पर संचालित है जिसमें शहर के 2000 बच्चे भाग ले रहे हैं यह जानकारी आयोजन समिति के श्री प्रकाश छाबड़ा ने दी।
शिविर का अवलोकन और व्यवस्थाओं की जानकारी अ.भा.जैन श्वेताम्बर सोश्यल ग्रुप्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिनेश्वर जैन,पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री प्रकाश भटेवरा,राष्ट्रीय महासचिव अरिहंत जैन पायोनियर ग्रुप के अध्यक्ष राजेश बूलिया,समाज सेवी कांति लाल बम, कैलाश वेद, राजीव जैन,लड्डू लाल जैन, पारस जैन,मुकेश जैन आदि ने ली।
इस अवसर पर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जिनेश्वर जैन ने “संस्कारों का महत्व और हमारे जीवन में उनकी भूमिका” विषय पर अपनी बात रखी।
संस्कार हमारे जीवन को सुंदर और सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।संस्कार हमें सिखाते हैं कि कैसे हमें अपने परिवार, समाज और देश के प्रति जिम्मेदार बनना चाहिए। संस्कार हमें सिखाते हैं कि कैसे हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
हम संस्कारों के महत्व को समझें और अपने जीवन को सुंदर और सार्थक बनाएं।
शिविर के संयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे श्री अजय जैन ने बताया कि सरल और स्पष्ट भाषा में बच्चों से बात करते है जिससे बच्चे जल्दी सीख पाते हैं। छोटे छोटे कथानक बच्चों को प्रेरित करते हैं।
यंग जैन स्टडी ग्रुप के श्री अखिलेश जैन बताते हैं कि शिविर में संस्कारों का बीजारोपण उदाहरणों का उपयोग करके किया जाता है जिससे बच्चे जल्दी व्यवहार में लाते हैं।
फेडरेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाज सेवी श्री प्रकाश भटेवरा ने कहा कि प्रेरणा और प्रोत्साहन द्वारा बच्चों को प्रेरित करें और उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करें।
समाज सेवी श्री कांति लाल जैन ने आयोजकों के प्रति शुभ भाव व्यक्त किए।
फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव अरिहंत जैन ने कहा कि मैने धार्मिक संस्कारों का यह पहला शिविर देखा है जिसका अनुशासन और व्यवस्थापन प्रशंसनीय है।
श्री राजेश बूलिया ने कहा कि आज इस तरह के शिविरों की विशेष आवश्यकता है जब हम पाश्चात्य संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं ऐसे में यह शिविर भारतीय मूल्यों को संवारने का एक सशक्त माध्यम है।
शिविर की शुरुआत सामूहिक मंगल गान,ओर देवदर्शन,पूजन से होती है जिससे बच्चे जीवन में उतार लेते है।
मुकेश जैन जो यहां की व्यवस्था संभालते हैं उनका कहना है कि प्रातः 5 बजे से पानी छानकर खाद्य सामग्री का निर्माण करते हैं और प्रासुक नमक काम लेते हैं सारी सामग्री जमीकंद रहित और पूर्ण विवेक के साथ निर्मित की जाती है।
