सियागंज व्यावसायिक परिसर का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर, हुकुमचंद मिल की भूमि पर आवासीय योजना प्रस्तावित।
दैनिक आगाज इंडिया 28 मई 2025 इंदौर, संभागायुक्त श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मण्डल वृत की बैठक आज संभागायुक्त कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक में हाउसिंग बोर्ड के डिप्टी हाउसिंग कमिश्नर श्री प्रबोध पारले, एक्जीक्यूटीव इंजीनियर श्री आनन्द जैन, श्री एम.एल. धाकसे सहित संभाग के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि सियागंज क्षेत्र में करीब 22 करोड़ रुपये की लागत से व्यवसायिक परिसर का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है। हुकुमचंद मिल की 7 हेक्टेयर भूमि पर विकास कार्य एवं आवासीय योजना प्रस्तावित है, जिसकी लागत 200 करोड़ रुपये है। इस योजना के लिए वास्तुविद् की नियुक्ति की जा चुकी है। 50 वर्ष से अधिक पुरानी एमआईजी कॉलोनी और वहीं पर स्थित शॉपिंग कॉम्पलेक्स का पुनर्घनत्वीकरण के कार्य होना है। इसमें श्री वैष्णव पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, आईटीआई संस्थान इंदौर शामिल हैं।
इसके अलावा आलीराजपुर में रेस्ट हाउस, झाबुआ में जनपद कार्यालय, धार में पीडब्ल्यूडी कार्यालय एवं डाक बंगला, मनावर तहसील में कर्मचारियों के आवास गृह, बड़वानी में इंद्रजीत छात्रावास परिसर, खरगोन में लोक निर्माण और कसरावद में पुराना तहसील कार्यालय आदि शामिल है।
बैठक में बताया गया कि पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत इंदौर के एमआईजी कॉलोनी एवं शॉपिंग कॉम्पलेक्स एवं नेहरू नगर को शामिल किया गया है।
बैठक में संभागायुक्त श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आवासीय व्यावसायिक निर्माण योजनाओं में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाये। भवनों के ऊपर सौर ऊर्जा के पैनल लगाये जाये, रैन वॉटर हार्वेस्टिंग और रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग लगायी जाये। सभी आवासीय और व्यावसायिक भवनों की तल मंजिल की जगह को पार्किंग के लिए रखी जाये। संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में शासकीय कर्मचारियों के आवास के लिये सिविल लाइन बनायी जाये, इसके लिये 10 से 20 हेक्टेयर भूमि आरक्षित रखी जाये। बैठक में श्री सिंह ने कहा कि पुनर्घनत्वीकरण योजना से परिसरों और संस्थानों की तस्वीर बदल जायेगी। इससे इन संस्थानों की कार्यक्षमता बढ़ेगी बल्कि नागरिकों को आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। जीर्ण-शीर्ण हो चुके आवासीय संकुल और व्यावसायिक परिसरों का पुन: निर्माण अत्यंत आवश्यक हो गया है। बैठक में अधिकारियों ने भी अपने विचार और सुझाव रखे।
उल्लेखनीय है कि इन परियोजनाओं के प्रारंभिक परियोजना प्रतिवेदन (पीपीआर) अनुमोदन किया गया है और इन्हें अंतिम स्वीकृति हेतु राज्य स्तरीय साधिकार समिति को भेजा जायेगा।
