पटवारियों के दल की गुप्त जांच में हुआ खुलासा
दैनिक आगाज इंडिया 9 जून 2025 ओंकारेश्वर – ( नि प्र ) पवित्र नगरी ओंकारेश्वर स्थित ममलेश्वर मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले दर्शनार्थियों से वीआईपी दर्शन के नाम पर रुपये लेकर ममलेश्वर भगवान के दर्शन करवाने की शिकायत प्राप्त हुई थी। एसडीएम पुनासा शिवम प्रजापति ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पटवारियों का एक दल गठित किया गया जिसमें अमरसिंह मंसूरे, लक्की पंचोली, सोनाली चोकडे, प्राची शर्मा, अधीर रेवाल, देवेंद्र मार्को, अमित कुमार जैन शामिल हैं। दल को गुप्त तरीके से दर्शनार्थियों के रूप में ममलेश्वर मंदिर परिसर में भेज कर जांच करवाई गई।ममलेश्वर मंदिर परिसर में दर्शनार्थी जोड़े के रूप में उपस्थित पटवारी अमरसिंह मंसूरे, लक्की पंचोली, सोनाली चोकडे, प्राची शर्मा से रिद्धि उर्फ रिद्धिचंद शर्मा निवासी ओंकारेश्वर द्वारा आकर पूछा गया कि वीआईपी गेट से दर्शन करना है तो प्रति जोड़ा 1500 रुपये की राशि देनी होगी। दर्शनार्थी के रूप में उपस्थित पटवारियों ने पंडित से वीआईपी दर्शन के रुपये कम करने के लिए कहा तो पंडित द्वारा रुपये कम करने से मना किया गया। जिसपर 1500 रुपये के मान से दो जोड़े के दर्शन की 3000 रुपये में बात तय हुई। पटवारी अमरसिंह मंसूरे द्वारा फोन पे के माध्यम से पंडित रिद्धिचंद शर्मा के खाते में राशि ट्रांसफर की गई। मंदिर में दर्शन करवाने के लिए पंडित अल्लू उर्फ देवेंद्र मुद्दगल निवासी ओंकारेश्वर को सुपर्द कर दिया गया।
उन्होंने बताया कि पंडित अल्लू उर्फ देवेंद्र मुद्दगल ने दोनो जोड़ों को मंदिर में वीआईपी गेट से प्रवेश कराने के लिए मंदिर परिसर में उपस्थित होमगार्ड नागेंद्र शर्मा के सहयोग से प्रोटोकाल के नाम पर निकासी द्वार से मंदिर में प्रवेश कराया। पूजन अभिषेक के बाद पंडित अल्लू उर्फ देवेंद्र मुद्दगल द्वारा दक्षिणा के 500 रुपये की मांग की।इस प्रकार पंडित, पुजारी एवं गौमुख घाट पर सुरक्षा के लिये तैनात होम गार्ड नागेंद्र शर्मा डयूटी स्थल छोड़कर ममलेश्वर मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से वीआईपी दर्शन,पूजन,अभिषेक के नाम पर रुपये लेते पाए गए हैं।
एसडीएम प्रजापति ने बताया कि होमगार्ड नागेंद्र शर्मा पिछले 25 वर्षों से ओंकारेश्वर में पदस्थ हैं एवं जांच में पाया गया कि पूर्व में भी इस प्रकार की घटनाएँ सामने आई हैं। नागेन्द्र शर्मा जिनकी ड्यूटी नाव पर रहती है वे उक्त ड्यूटी स्थल को छोड़कर ममलेश्वर मंदिर के अंदर एवं परिसर में घूमते पाए गए एवं श्रद्धालुओं को दर्शन कराने संबंधी शिकायत पर उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। साथ ही दोनों पंडितों पर सीआरपीसी की धारा 151 के तहत कार्रवाई की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन आने वाले ममलेश्वर मंदिर में बिना पुरातत्व विभाग के निर्माण व अन्य गतिविधियों व बोर्ड नहीं लगाए जाते किंतु वहां पर जूता चप्पल स्टैंड भारतीय पुरातत्व विभाग में पदस्थ कर्मचारी के रिश्तेदार द्वारा संचालित किया जा रहा है जिससे मनमानी राशि वसूली जा रही है तथा अन्य गतिविधियां भी संचालित हो रही है जिम्मेदार भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारी मुख्य दर्शक बने हुए
