गणेश चतुर्थी के पावन दिन स्टेट प्रेस क्लब की नई श्रृंखला ‘ जर्नी ऑफ अ जर्नलिस्ट’ का श्रीगणेश

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अब मीडिया प्लेटफॉर्म से कम नहीं, पत्रकारिता के लिए अब संस्थान का बंधन नहीं : हिमांशु शेखर मिश्रा

इंदौर। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आज मीडिया प्लेटफार्म की तरह महत्वपूर्ण हो गए हैं और यह नए मीडिया की ताक़त है। आज कोई भी कहीं से न्यूज पॉडकास्ट, इंटरव्यू, लाइव स्ट्रीमिंग कर सकता है और इस तरह मीडिया का फलक बहुत ज्यादा विस्तृत हो गया है। देश की आम जनता बहुत समझदार है और मीडिया की बातों का अपने स्तर पर गुपचुप विश्लेषण कर लेती है।

ये बातें एनडीटीवी इंडिया के राजनैतिक एवं ताज़ा मामलों के वरिष्ठ संपादक श्री हिमांशु शेखर मिश्रा ने स्टेट प्रेस क्लब, मप्र की नई श्रृंखला ‘ जर्नी ऑफ अ जर्नलिस्ट ‘ के पहले आयोजन में सारस्वत वक्ता के रूप में व्यक्त किए। वर्तमान पत्रकारों एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों को किसी स्वनाम धन्य पत्रकार – संपादक की जीवन यात्रा, अनुभवों एवं प्रत्यक्ष संवाद से सीधे सीखने समझने का अवसर देने के इस नए प्रकल्प की श्री मिश्रा ने एकाधिक बार तारीफ़ करते हुए कहा कि गाइड करने का कल्चर ही इस क्षेत्र से नदारद है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रेस क्लबों को ऐसे आयोजनों से सीखने की ज़रूरत है। उन्होंने बोकारो जैसी छोटी जगह से सफर प्रारंभ कर राष्ट्रीय स्तर के जूनियर हाई जंप खिलाड़ी बनने और फिर वहां से खेल पत्रकारिता से रुचि होने, फिर जेएनयू में प्रवेश के बाद सोशलिज्म के प्रभाव के कारण देश में निरक्षरों की बड़ी संख्या के कारण प्रिंट मीडिया के अधिक तनख्वाह के ऑफर छोड़कर टीवी पत्रकारिता की अपनी यात्रा सुनाई। उन्होंने कहा कि टीवी पत्रकारिता और उसमें भी राजनैतिक पत्रकारिता उन्होंने अपनी ज़िद से चुनी। सामान्य तौर पर इंटरव्यू न देने वाले स्व. श्री मुलायम सिंह यादव से साक्षात्कार लेने में सफलता के बाद ईटीवी के तत्कालीन संपादक श्री एनके सिंह ने उन्हें राजनैतिक पत्रकारिता और संसद की रिपोर्टिंग के लिए खुला मैदान दिया और तबसे लगभग पच्चीस वर्षों से वे विभिन्न प्रधानमंत्रियों के साथ विदेश यात्राओं, आपदा प्रबंधन पर शोध पत्रों का संयुक्त राष्ट्र संघ सहित अनेक महत्त्वपूर्ण मंचों से वाचन कर चुके हैं।

शोध और प्लानिंग का महत्व समझाते हुए उन्होंने बताया कि एनडीटीवी के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी के दल में टर्की यात्रा के दौरान उन्होंने 11 दिनों की यात्रा में 66 स्टोरीज फाइल कीं तो उन्हें ईटीवी के मालिक श्री रामोजी राव ने उन्हें हैदराबाद बुलवाकर इसका राज़ पूछा। तब उन्होंने बताया कि पहले से अध्ययन के कारण वे लगभग चालीस स्टोरीज भारत से ही प्लान करके गए थे, वहां उन्होंने बिना कहीं घूमे – फिरे औसतन ढाई – तीन घंटे की नींद निकालते हुए कार्य किया इसलिए वे ऐसा कर पाए। वर्ष 2016 से मोबाइल जर्नलिज्म कर रहे श्री हिमांशु शेखर मिश्रा ने इसे पत्रकारिता का सशक्त माध्यम बताया जिसने पत्रकारिता को बेहद तेज़, सबके लिए सुलभ कर उसका फलक बेहद विस्तृत कर दिया है। आज प्रधानमंत्री सहित अनेक विशिष्ट लोग सीधे ट्वीटर वगैरा के माध्यम से सीधे जानकारी देते हैं जो बिना किसी प्रचार सचिव आदि के सभी को सीधे मिलती है। अपने अनुभव से उस जानकारी की पृष्ठभूमि, महत्व आदि बताकर खबर को प्रस्तुत करने का ढंग पत्रकार के कौशल को दर्शाता है। ब्रेकिंग न्यूज़ का प्रेशर ऐसा रहता है कि ख़बर की पुष्टि या आवश्यक तथ्य जुटाने के लिए लगने वाले मात्र तीन – चार मिनट के समय के लिए भी परमीशन लेनी पड़ती है। आज दुनिया का हर छठवां आदमी सोशल मीडिया से जुड़ा है और फेसबुक के तीन अरब यूज़र हैं जो रोज़ बढ़ रहे हैं। ऐसे में सोशल मीडिया की पत्रकारिता तो निरंतर बढ़ेगी, बस उसकी विश्वसनीयता बनी रहे यह ध्यान रखा जाना चाहिए।

कार्यक्रम के प्रथम चरण में स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार खारीवाल, पूर्व कुलपति श्री मानसिंह परमार, श्रीमती रचना जौहरी, सुश्री वंदना जोशी, श्री पंकज क्षीरसागर, श्री जितेन्द्र चौधरी एवं गणेश एस. चौधरी ने अंगवस्त्र एवं पुष्प गुच्छों से श्री मिश्रा एवं दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार श्री शकील अख्तर का स्वागत किया। कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वरिष्ठ पत्रकार श्री आलोक बाजपेयी ने किया। वरिष्ठ कार्टूनिस्ट श्री कुमार लाहोटी ने श्री हिमांशु शेखर मिश्रा को उनका कैरीकेचर भेंट किया। कार्यक्रम में इंदौर के अलावा आसपास के ज़िलों से भी पत्रकार एवं पत्रकारिता के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया, जिन्हें कार्यक्रम के अंत में श्री मिश्रा के हाथों प्रमाण पत्र दिए गए। स्टेट प्रेस क्लब की देवास इकाई के डॉ. रईस कुरैशी एवं झाबुआ इकाई के श्री शान ठाकुर ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं क्लब द्वारा प्रकाशित गांधी साहित्य भेंट किए। अंत में आभार प्रदर्शन करते हुए क्लब के अध्यक्ष श्री प्रवीण कुमार खारीवाल ने ऐसे आयोजनों की निरंतरता के साथ पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए लगातार कार्य करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

श्री हिमांशु शेखर मिश्रा सर ने दीं पत्रकारिता के विद्यार्थियों को दस सीखें
1. नई कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी मास्टर करें। कैमरामैन, रिपोर्टर एवं ओबी वैन ऑपरेटर तीनों की भूमिका अब आपको ही मोबाइल के साथ करना है।
2. कंटेंट क्रिएशन के लिए संबंधित विषय पर खूब रिसर्च करें।
3. कैमरे से दोस्ती करें। अकेले में कैमरे के सामने एंकरिंग की प्रेक्टिस करें।
4. बोलने की कला सीखना ज़रूरी है। पब्लिक स्पीकिंग lकी प्रेक्टिस करें।
5. ध्यान रखें कि मूल सूचना सभी के पास एक जैसी उपलब्ध है, उसे किस तरह प्रस्तुत करना, उसे कैसे प्रोसेस करना वह आपकी क्षमता दर्शाएगा।
6. पैशन या काम करने की तीव्र इच्छा शक्ति बहुत ज़रूरी है। लगातार लगे रहकर कोशिश करेंगे तो सफलता अवश्य मिलेगी।
7. स्टोरीज की प्लानिंग पहले से करना ज़रूरी है, फील्ड पर पहुंचने के बाद योजना बनाने का समय मिलना मुश्किल है।
8. काम में तेज़ी के साथ तथ्यों को जांचना भी जरूरी है। कोई भी तथ्यात्मक गलती होने पत्रकार और संस्थान दोनों की विश्वसनीयता दांव पर लग जाती है।
9. आजकल किसी स्टोरी के मिनटों में हज़ारों व्यूज और सैकड़ों शेयर हो जाते हैं, इसलिए किसी गलती के लिए स्कोप नहीं है।
10. हर संभव अवसर को गूगल करें और उसका लाभ लेने की कोशिश करें।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम