इन्दौर की सरज़मी पर राजा मांधाता एवं वीरांगना झलकारी बाई के वंशजों की मौजूदगी में होगा झलकारी जयंती महोत्सव झांसी की झलकारी नाट्य मंचन एवं अलंकरण समारोह माई मंगेशकर सभागृह में 01 दिसम्बर को

11 महिलाओं को झलकारी अलंकरण एवं 5 पुरुषों को कोली रत्न की उपाधी से नवाजा जाएगादैनिक आगाज इंडिया 30 नवंबर 2024 इन्दौर । अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ के तत्वाधान में इन्दौर की सरजमी पर स्वतंत्रता संग्राम की अमर शहीद रणनायिका वीरांगना झलकारी बाई के अदम्य शौर्य , साहस व पराक्रम को जीवटता को उजागर करने एवं उनकी स्मृति को चिरस्थाई बनाने के उद्देश्य से स्टेट प्रेस क्लब एवं अभिनव कला समाज के तत्वावधान में 1 दिसम्बर 20024 रविवार को माई मंगेशकर सभागृह , पंचशील नगर लोहा मंडी , इन्दौर में झांसी की झलकारी नाट्य मंचन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उल्लेखनीय सेवाएं देने वाली 11 उत्कृष्ट समाजसेवी महिलाओं को झलकारी अलंकरण एवं 5 पुरुषों को कोती रत्न की उपाधी से अयोध्या के प्रथम सम्राट राजा मांधाता के वंशज श्रीमंत राव देवेन्द्रसिंह एवं झलकारी बाई के वंशज जतारिया परिचार झांसी की मौजूदगी में अखिल भारतीय कोली समाज के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं शिमला के पूर्व सांसद श्री विरेन्द्र कश्चप के मुख्य आतिथ्य एवं नवाजा जाएगा । महोत्सव में मध्यप्रदेश के इन्दौर बड़वानी , धार , टीकरी अंजड़ गुना , रतलाम उज्जैन भोपाल , कटनी , जबलपुर , देवास सहित राजस्थान , गुजरात , महाराष्ट्र , उत्तर प्रदेश , उतराखंड , दिल्ली , हिमाचल प्रदेश आदि क्षेत्रों से भी समाजवं शामिल होंगे ।अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश महावर फोली राष्ट्रीय महासचिव दिनेश वर्मा दानिश कोषाध्यक्ष प्रहलाद टाटवाल एवं सम्भागीय अध्यक्ष ओमप्रकाश धीमान एवं कोरी / कोली महापंचायत के संयोजक कैलाश दीदी ने अपने संयुक्त प्रेस मान में बताया कि स्वतंत्रता संग्राम की अमर शहीद गीरांगना झलकारी बाई के 185 में प्रकटोत्सव के उपलक्ष्य में 22 नवम्बर से 1 दिसम्बर तक 9 दिवसीय वीरांगना झलकारी महोत्सव आयोजित किया जा रहा है । महोत्सव का समापन 1 दिसम्बर 2024 को माई मंगेशकर सभागृह पंचशील नगर , लोडा मंडी इन्दौर में शाम 5 बजे झांसी की झलकारी नाट्य मंचन एवं झलकारी अलंकरण समारोह का आयोजन होगा । जिसमें समाज की 11 उत्कृष्ट समाजसेवी महिलाओं को वीरांगना झलकारी अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा । इसी प्रकार समाज के पांच वरिष्ट समाजसेवियों को कोली रत्न की उपाधी से नवाजा जाएगा ।इन्हें मिलेगा झलकारी अलंकरण एवं कोली रत्न का सम्मान –अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रकाश महावर कोली एवं राष्ट्रीय महासचिव दिनेश वनां दानिश ने बताया कि वीरांगना झलकारी बाई के 195 में प्रकटोत्सव के अवसर पर आयोजित मातृशक्ति को समर्पित झलकारी महोत्सव के तहत 1 दिसम्बर को माई मंगेशकर सभागृह में आयोजित झलकारी अलंकरण समारोह में अखिल भारतीय कोली समाज महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती द्रोपती कोली अजमेर राजस्थान , श्रीमती मोहिनी शाक्यवार प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर सुश्री पुणा शाक्य , शिक्षक श्रीमती रमा राजीरा , शाक्यवार कोरी समाज की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम वर्मा कोटिया , चिकित्सा क्षेत्र से डॉक्टर सुश्री गरिमा खेलवाल एवं पटर मानसी खंडेलवाल तथा राजस्थान की सुश्री सुनना वर्मा राजस्थान को वीरांगना झलकारी अलंकरण एवं अखिल भारतीय कोली समाज के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री सत्यनारायण पंवार , राष्ट्रीय महासचिव डी . पी . शंखवार , कोरी / कोली समाज महापंचायत के संरक्षक कैलाश चंद चौधरी एवं वरिष्ठ समाजसेवी एवं कृषक श्री मोहन माधव वर्मा को कोली रत्न तथा ग्रामीण यांत्रिकी विभाग उज्जैन के एसडीओ शिवदत्ता आर्य को विशिष्ट सम्मान उपाधी के जनाजा जाएगा ।नाट्य मंचन झांसी की झलकारी कथा सार : –वीरांगना झलकारीबाई सन 1857 में रानी लक्ष्मीबाई के प्रमुख व नियमित दुर्गा सेना की सेना पति थी . रानी लक्ष्मीबाई गर तलवार थी तो झलकारी बाई तलवार की धार भी उन्हीं के जीवन एवं शीर्य गाया पर लिखा गया नाटक ‘ झांसी की झलकारी संस्था प्रयास उसी द्वारा 1 दिसम्बर 20024 रविवार को माई मंगेशकर सभागृह में मंचित किया जाएगा ।
नाटक झलकारी बाई के चरित्र एवं शौर्य के साथ साथ उनके जीवन में झाटने वाली सत्य घटना जैसे उनकी परवरिश , मात्र 12 वर्ष की आयु में खूंखार चीते का का शस्त्र कला प्रदर्शन , विवाह रानी लक्ष्मीबाई से मुलाकात 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर आधारित होगा । नाटक की प्रस्तुति अखिल भारतीय वीरांगना झलकारी महासंघ के मंच पर स्टेट प्रेस क्लब एवं अभिनव कला समाज के सोजन्य से दी जा रही है । मंच पर निर्देशक देव्यांश शर्मा के निर्देशन में गरिमा सांवरियां वीरांगना झलकारी बाई का तथा कार्तिका जाटया रानी लक्ष्मीबाई का किरदार निभाएंगी संगीत विशाल चतुर्वेदी , आयुष पांचाल का होगा । यह नाटक वीरांगना झलकारी बाई को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अतुलनीय एवं अविस्मरणीय योगदान के लिए भावपूर्ण श्रृद्धांजली एवं सम्मान स्वरूप समर्पित होगा ।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम