केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने इंदौर में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव की उपस्थिति में विश्व एड्स दिवस 2024 कार्यक्रम का उद्घाटन किया

स वर्ष की थीम, “टेक द राइट्स पाथ”, समान अधिकार, गरिमा और स्वास्थ्य देखभाल तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देती है, विशेष रूप से एचआईवी/एड्स के साथ रहने वाले या प्रभावित लोगों के लिए
विश्व एड्स दिवस इस संकल्प को दोहराने का क्षण है कि हम सभी एड्स के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं, साथ ही उन लोगों के प्रयासों को याद करने और फिर से समर्पित करने का भी मौका है जिन्होंने इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने प्रियजनों को भी खो दिया: श्री जे पी नड्डा
“भारत के निरंतर प्रयासों से पिछले कुछ वर्षों में एचआईवी महामारी के स्तर में कमी आई है, 2023 में देश में नए संक्रमण 2010 की तुलना में लगभग 44% कम हो गए हैं, जबकि एड्स से संबंधित मौतों में 79% की गिरावट आई है”
एड्स के खिलाफ लड़ाई में तीन महत्वपूर्ण उपायों पर जोर दिया गया, सावधानी बरतना, स्वस्थ व्यवहार को बढ़ावा देना और रूढ़िवादिता के खिलाफ जागरूकता पैदा करना
“ऐसे समय जब एड्स के लिए कोई दवा नहीं थी, अत्यधिक महंगी दवाओं से निपटने से लेकर अब दुनिया को एचआईवी दवाओं का आपूर्तिकर्ता देश बनने तक, भारत ने एड्स के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक लंबा सफर तय किया है”
माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारत ने कोविड-19 महामारी का सफलतापूर्वक नियंत्रण किया है और 2030 तक एड्स सहित कई महामारियों को खत्म करने के विजन के साथ काम कर रहा है: श्री मोहन यादव
“मध्य प्रदेश का लक्ष्य 2030 में एसडीजी लक्ष्यों से दो साल पहले 2028 तक जन स्वास्थ्य के खतरे के रूप में एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल करना है”
दैनिक आगाज इंडिया इंदौर, 01 दिसम्बर, 2024
विश्व एड्स दिवस 2024 के मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय सभागार में आज रविवार को विश्व एड्स दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस वर्ष की थीम, “टेक द राइट्स पाथ”, समान अधिकार, गरिमा और स्वास्थ्य देखभाल तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देती है। खासकर एचआईवी/एड्स के साथ जीवन बिता रहे लोगों या प्रभावित लोगों के लिए।विश्व एड्स दिवस 2024 की थीम, ‘टेक द राइट्स पाथ’ को ध्यान में रखते हुए, श्री जेपी नड्डा ने कानूनी सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल पहुंच और सामाजिक परिवर्तन पर जोर देते हुए एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “विश्व एड्स दिवस इस संकल्प को दोहराने का क्षण है कि हम सभी एड्स के खिलाफ संघर्ष में एक साथ हैं और साथ ही उन लोगों के प्रयासों को याद करने और फिर से समर्पित करने का भी यह मौका है जिन्होंने इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अपने प्रियजनों को खोया है। ”
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय एड्स और एसटीडी नियंत्रण कार्यक्रम के जारी पांचवें चरण का उल्लेख करते हुए एचआईवी/एड्स से निपटने को लेकर सरकार के अटल दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने नाको और राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के निरंतर प्रयासों को भी रेखांकित किया जिससे पिछले कुछ वर्षों में भारत में एचआईवी महामारी के स्तर में कमी आई है और 2023 में देश में नए संक्रमण 2010 की तुलना में लगभग 44% कम थे। एड्स से संबंधित मौतों में 79% की गिरावट आई।केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एड्स के खिलाफ लड़ाई में लोगों के लिए तीन महत्वपूर्ण निर्देशों पर जोर दिया। सबसे पहले, यह देखते हुए कि लोग न केवल शारीरिक संबंधों के माध्यम से बल्कि अन्य मार्गों से भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं,उन्होंने एचआईवी/एड्स संक्रमण को रोकने के लिए सावधानी के महत्व पर जोर दिया। दूसरा, उन्होंने अनेक बीमारियों से बचने के लिए उचित पोषण, कसरत और भरपूर नींद लेने सहित स्वस्थ जीवन शैली अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्राम सभाओं, स्कूली कार्यक्रमों और शैक्षणिक अभियानों जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने और रूढ़िवादिता से निपटने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अधिकारियों से अपने एड्स नियंत्रण प्रयासों की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने और किसी भी तरह की कमियों को दूर करने का भी आग्रह किया।
श्री नड्डा ने एचआईवी पॉजिटिव लोगों के साथ मानवीय दृष्टिकोण से व्यवहार करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानजनक जीवन का अधिकार है। उन्होंने सभी से एचआईवी से पीड़ित लोगों को मुख्यधारा में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “कुछ मान्यताओं के विपरीत, आज एचआईवी से पीड़ित कोई भी व्यक्ति आजीवन जीवित रह सकता है और एचआईवी संक्रमण के बिना भी एक स्वस्थ बच्चा पैदा कर सकता है।” अत्यधिक सावधानी और समर्पण के साथ ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की प्रशंसा व्यक्त करते हुए और उनकी सुरक्षा पर जोर देते हुए श्री नड्डा ने कहा कि वे हर समय संक्रमित लोगों के संपर्क में रहने के बावजूद अपना काम करते रहते हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने एड्स के खिलाफ भारत के लंबे संघर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “ऐसे समय में जब एड्स के लिए कोई दवा नहीं थी, अत्यधिक महंगी दवाओं की समस्या से निपटना और अब दुनिया को एचआईवी दवाओं का आपूर्तिकर्ता देश बनने तक, भारत ने एड्स के खिलाफ अपनी लड़ाई में एक लंबा सफर तय किया है।” उन्होंने कहा कि आज भारत सबसे सस्ती और प्रभावी दवाओं का उत्पादन करके और उन्हें जरूरतमंदों के साथ साझा करके एड्स नियंत्रण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार एड्स रोगियों के लिए मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराती है।
2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए, श्री नड्डा ने कहा कि 2010 के बाद से भारत में नए एचआईवी मामलों की संख्या में 44% की कमी आई है जो कि वैश्विक कमी दर 39% से अधिक है। एड्स से होने वाली मौतों में भी 79% की गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि भारत ने एड्स से निपटने के लिए 90-90-90 का लक्ष्य अपनाया, जिसमें देश में एड्स के 90% मामलों का पता लगाना, 90% लोगों का एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) से इलाज करना और 90% पीड़ितों में वायरल लोड खत्म करना शामिल था। उन्होंने कहा कि बाद में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 95-95-95 कर दिया गया जिसमें से 81% एड्स से पीड़ित लोगों की पहचान कर ली गई है, 88% को एआरटी दिया जा रहा है और 97% चिन्हित लोगों के वायरल लोड को कम किया गया है।
इस अवसर पर श्री नड्डा ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को भी बधाई दी। इससे पहले उन्होंने नाको द्वारा लगाई गई एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया और वहां प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बातचीत की।मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि एड्स नियंत्रण के सरकारी प्रयासों से समाज के सबसे निचले तबके के लोगों को लाभ हो रहा है। उन्होंने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने कोविड-19 महामारी का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया है और 2030 तक एड्स सहित अनके महामारियों को खत्म करने के दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है।” डॉ. यादव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद के दिशानिर्देशों में बदलाव के साथ, नए मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित और पारदर्शी हो गई है।
मध्य प्रदेश में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने को लेकर डॉ. यादव ने जोर दिया कि जहां पहले मध्य प्रदेश में केवल पांच मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज राज्य में 31 मेडिकल कॉलेज हैं। उन्होंने बताया कि अगले दो वर्षों में राज्य में 50 मेडिकल कॉलेज होंगे।
डॉ. यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश का लक्ष्य 2030 एसडीजी लक्ष्य से दो साल पहले 2028 तक जन स्वास्थ्य के खतरे के रूप में एड्स को खत्म करने का लक्ष्य हासिल करना है। सरकार के “जियो और जीने दो” के सिद्धांत के साथ काम करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश आयुष्मान भारत वय वंदना योजना के साथ-साथ स्वास्थ्य संकेतकों जैसे आईएमआर और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने आदि में अग्रणी है।
कार्यक्रम में नाको के थीम साँग को भी लॉन्च किया गया जो इस विश्व एड्स दिवस का खास आकर्षण रहा। गीत के मूल गायकों देव नेगी, मोको कोज़ा और एग्सी ने इसे कार्यक्रम में प्रस्तुत किया। यह गीत आशा, आशावाद और एकता का एक उत्थानकारी संदेश देता है। यह एक बेहतर दुनिया के निर्माण के लिए सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करने वाली दुनिया की कल्पना करता है, जो सहानुभूति, समानता और लचीलेपन के बुनियादी मूल्यों को दर्शाता है। इस गीत का उद्देश्य व्यक्तियों को एक साथ आने और ऐसे भविष्य के लिए काम करने के लिए प्रेरित करना है जहां हर कोई बिना किसी डर या भेदभाव के रह सके, जो विश्व एड्स दिवस की थीम को प्रतिबिंबित करता है।
इसके अलावा केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) के दो लाभार्थियों को सम्मानित किया जो सीधे तौर पर एचआईवी/एड्स से प्रभावित रहे हैं। उन्होंने बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई की व्यक्तिगत यात्रा को साझा करते हुए प्रगति के संबंध में जानकारी दी। उनके अनुभव ने उपचार, सहायता और जागरूकता तक पहुंच की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया, जो उनके लचीलेपन और सशक्तिकरण की कुंजी रही है।
इस कार्यक्रम में इन दस्तावेजों का विमोचन भी हुआ:
I. संकलक छठा संस्करण
II. भारत एचआईवी अनुमान 2023 – तकनीकी रिपोर्ट
III. कॉफी टेबल बुक (गहन आईईसी अभियान)
IV. रोकथाम प्रगति अपडेट 2023-2024 (चौथा संस्करण)
V. अनुसंधान संग्रह खंड II यह कार्यक्रम नीति निर्माताओं, सरकार, नागरिक समाज, समुदायों, युवाओं और विकास भागीदारों के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों के एक साथ आने का माध्यम बना। स्वास्थ्य सेवा में समानता को आगे बढ़ाने और महामारी के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई को प्रेरित करने के प्रयासों में व्यापक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए देश भर में इसको लाइव स्ट्रीम किया गया।
मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल और श्री जगदीश देवड़ा; श्री तुलसीराम सिलावट, जल संसाधन मंत्री, मध्य प्रदेश; श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री, श्री विष्णु दत्त शर्मा और श्री शंकर लालवानी, मध्य प्रदेश के लोकसभा सदस्य; श्री पुष्यमित्र भार्गव, महापौर, इंदौर नगर निगम; श्रीमती पुण्य सलिल श्रीवास्तव, केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव; श्रीमती हेकाली झिमोमी, अतिरिक्त सचिव, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय; भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रोडेरिको एच. ऑफ्रिन और अन्य विशिष्ट अतिथि भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम