फर्जी Digital arrest के माध्यम से ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देने वाली गैंग के सूरत (गुजरात) एवं मैहर (मध्यप्रदेश) के कुल 04 आरोपी, क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस की कार्यवाही में गिरफ्तार।*

*✓ महिला फरियादिया के साथ हुई थी 01 करोड़ 60 लाख रू की ऑनलाइन ठगी।*

*✓उक्त ऑनलाइन ठगी से संबंधित सैकड़ों बैंक खातों को कराया गया फ्रीज, जिसमें मिले करोड़ों रूपए के ट्रांजैक्शन।*

*✓गैंग के सदस्य, कॉल पर स्वयं को पुलिस अधिकारी, CBI अधिकारी, RBI अधिकारी होना बताकर फर्जी कूटरचित दस्तावेज भेजकर पुलिस केस में फंसाने का झूठ बोलकर ऑनलाइन पैसे प्राप्त कर, देते थे वारदात को अंजाम।*

*✓ इंदौर पुलिस द्वारा आरोपी का रिमांड प्राप्त कर की जा रही है विस्तृत पूछताछ ।*

दैनिक आगाज इंडिया 9 Dec 2024 इंदौर, कमिश्नरेट में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच इंदौर की टीम को लगाया गया था।

इसी अनुक्रम में इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर 59 वर्षीय महिला इंदौर निवासी फरियादिया ने फर्जी डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन ठगी की शिकायत की थी जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि दिनांक 09/11/2024 को एक अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया, काल पर उसने मुझसे पूछा कि क्या आप नरेश गोयल को जानती हैं, जो जेट एयरवेज के मालिक हैं। मैंने कहा मैं उन्हे नहीं जानती हूँ और पूछा कि आप कौन बोल रहे है तो उसने स्वयं को RBI का अधिकारी बताया और अपना नाम विनोय सिंह बताया। विनोय ने मुझसे कहा कि आपके नाम से कैनरा बैंक दिल्ली में अकाउण्ट खुला है जिसमें 02 करोड़ रूपये की मनी लॉण्डिंग हुई है। फिर उन्होंने कहा कि दिल्ली में केनरा बैंक अकाउन्ट में आपके नाम से खाता खुला है, जिसमें आपका आधार कार्ड व हस्ताक्षर है। मैनें इन सब बातों से इंकार किया। दिनांक 09.11.2024 को मुझे दोपहर को 3.00 बजे मेरे व्हाटसअप नंबर पर अज्ञात वीडियो कॉल आई जिसमें एक व्यक्ति पुलिस युनिफार्म में दिखाई दे रहा था, जिसमें पुलिस ऑफिस का बैकग्राउण्ड दिखाई दे रहा था। उसने खुद को CBI का बड़ा अधिकारी बताया तथा अपने सीनियर का नाम आकाश कुल्हाडी बताते हुये फोन उन्हे दे दिया। उसने वीडियो ऑफ कर दी, मुझसे मेरे मोबाइल पर SKYPE app Download करने को कहा, मैंने SKYPE app Download किया इसके बाद SKYPE ID से मुझे वीडियो काल आया और ये कहा कि आप कैमरा पर ही रहेगी तथा कैमरा बन्द नही करेंगे। दिनांक 10.11.2024 को कॉल के दौरान ही उन्होने मुझसे मेरी प्रापर्टी जैसे एफ डी शेयर्स, बॉण्ड, एलआईसी पॉलिसी, गोल्ड और जमीन जायदाद के बारे में पूछा। अज्ञात व्यक्ति ने पूछा की क्या आपका लेपटॉप या फोन चोरी हुआ है, मैंने याद करके बताया कि मई 2024 में आईपेड चोरी हुआ था। मैनें पूछा ये सब आप क्यों पूछ रहे है तो विनाँय ने कहा कि ये सब नेशनल सिक्रेट है, आप मनी लांडरिंग में इन्वाल्व है। आप इस कॉल के बारे में परिवार, फ्रेण्ड्स और कलिग किसी को नहीं बतायेंगे। इसके बाद आकाश कुल्हाडी ने कहा कि आप के उपर दिल्ली में मनीलाडरिंग का केस दर्ज हुआ है इसीलिए आप के सभी अकाउन्ट और प्रॉपर्टी का वेरीफिकेशन करना होगा इसीलिए आपको अमाउण्ट हमारे दिये बैंक खातो में ट्रांसफर करने होगें। इसके बाद 11/11/2024 को ही मेरा यह कॉल 48 घण्टे तक चला तथा उसने मुझसे कहा एफडी तुडवाई की नहीं, उन लोगो ने मुझसे मेरे किन–किन बैंको में खाते है ब्रिफली पूछा था। विनोय सिंह और आकाश कुल्हाडी ने इस काल के समय मुझे बहुत डराया धमकाया कहा कि यदि आप हमें सहयोग नहीं करेगी तो इस केस में आपको 5 साल की जेल और 10 लाख रू. जुर्मना देना होगा। इस बात से डर रही थी कि मुझे जेल हो जाएगी तो समाज बहुत बदनामी होगी। इसके बाद उन्होंने मुझे अलग अलग बैंक खाता मेरे व्हाटसअप पर दिया ओर डरकर मेरे द्वारा 40 लाख, 20 लाख रू, 25 लाख रू. ट्रांसफर किये। इसके बाद दिनांक 12/11/2024 को ही एक सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया का इंस्पेक्शन्स लेटर विनाय सिंह ने व्हाटसअप पर भेजा जिसमें लिखा था कि टेक्सेसन डिपार्टमेंट की तरफ से आपके अकाउण्ट और मनी वेरिफिकेशन होना है, इनवेन्टरी तैयार की जानी है। इसमे बैंक की डिटेल दी गई जो मैंने अपने बैंक के खाते से 15 लाख रू. की राशि, विनोय सिंह के दिए हुए बैंक खाता RTGS किया गया। फिर इसके बाद शाम को आकाश कुल्हाडी ने व्हाटसअप कॉल पर मुझसे मेरे शेयर्स के बारे में बात किया और कहा कि आप अपने शेयर्स को सेल करके अमाउण्ट बताइए। उसके बाद मैंने मेरे शेयर्स को सेल करके सारा अमाउण्ट डिटेल आकाश कुल्हाडी को बताया। और फिर से दिनांक 13/11/2024 को 30 लाख रू एवं दिनांक 14/11/2024 को 10 लाख रू. RTGS किया। इसके बाद दिनांक 19/11/2024 को दुबारा सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया का इंस्पेक्शन्स लेटर विनाय सिंह ने व्हाटसअप पर भेजा जिसमें लिखा था कि टेक्सेसन डिपार्टमेंट की तरफ से आपके अकाउण्ट और मनी वेरिफिकेशन होना है इनवेन्टरी तैयार की जानी है। इसलिए दिए गए बैंक डिटेल पर जो कि इन्वेस्टिगेशन के लिए है रुपए ट्रांसफर करे तो मेरे द्वारा कई बार थोड़े थोड़े अमाउंट में लगातार रुपए ट्रांसफर किए गए उसके बाद दिनांक 20/11/2024 को अज्ञात नंबर से मुझे विडियो काल आया जिसमें उसने स्वंय को विजय खन्ना मुम्बई कोलसेवाडी, कल्याण पुलिस स्टेशन का अधीकारी बताया। जिसने कहा कि आपका केस दिल्ली से कल्याण पुलिस स्टेशन महाराष्ट्र पर ट्रांसफर कर दिया है। इन्होंने कहा कि आपके नाम से 24 केस रजिस्टर्ड है। आपके विरूध्द ये FIR NO. MG2212/0824 दर्ज हुआ है। फिर से SKYPE APP पर CID से काल आया जिसमें फिर से वर्दी में एक आदमी खुद को विजय शुक्ला बताकर बात करने लगा और मुझे साइबर क्राइम में इनवॉल्व होने की बात बताई कहा कि आपके नाम से 24 केस रजिस्टर्ड है और आपके आधार कार्ड की भूमिका संदिग्ध है। इसके बाद उन लोगों ने मुझे मुम्बई आने को कहा बोला की आज आ सकते हो क्या। दिनांक 21-22/11/2024 को लगातार मुझसे मेरी अन्य प्रापर्टी के बारे में जानकारी मांगते रहे, नहीं देने पर कहा कि हम खुद से निकलवालेगें। इसके बाद उन लोंगो ने कहा कि आप अपना गोल्ड जो कुछ आपके पास है उसपर लोन लेकर दिये हुये अकाउण्ट पर भिजवाये ताकि इंसपेक्शन डिपार्टमेंट के द्वारा आपके अमाउण्ट का वेरिफिकेशन हो सके। इस सेकेण्ड कॉल के बाद मुझे समझ आया कि कोई पुलिस गोल्ड लोन लेने की बात नहीं कहती है। मैंने अपने परिचितो से चर्चा की। इसके बाद मैंने मेरे बेटे को भी बताया और साइबर क्राइम पोर्टल पर आनलाइन शिकायत दर्ज करवाई।

*फरियादी की शिकायत पर क्राइम ब्रांच इंदौर थाने में अपराध धारा 318(4), 308(2), 316(5), 111(4), 3(5) BNS के तहत् अपराध पंजीबद्ध।*

उक्त सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए प्रकरण में विवेचना के दौरान तकनीकी जानकारियों के आधार पर इंदौर क्राईम ब्रांच के द्वारा सूरत गुजरात के *आरोपी- (1). प्रतीक भाई जरीवाला उम्र 24 वर्ष निवासी सूरत (गुजरात), (2) अभिषेक भाई जरीवाला उम्र 25 वर्ष निवासी सूरत (गुजरात) एवं मध्यप्रदेश के जिला मैहर के आरोपी- (3). चंद्रभान बंसल, उम्र 57 वर्ष, निवासी ग्राम धतूरा जिला मैहर (म.प्र.), (4). राकेश कुमार बंसल, उम्र 32 वर्ष, निवासी ग्राम धतूरा जिला मैहर (म.प्र.)* को गिरफ्तार किया गया।

*आरोपियों के द्वारा स्वयं के बैंक खाते कमीशन पर उपलब्ध कराने का कार्य करना स्वीकार किया है। उक्त फर्जी डिजिटल अरेस्ट प्रकरण में इंदौर क्राइम ब्रांच के द्वारा आरोपियों का पुलिस रिमांड प्राप्त कर गैंग के अन्य सदस्यों एवं अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने हेतु पूछताछ की जा रही है।* तथा प्रकरण में विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही हैं।

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दैनिक आगाज़ इंडिया टीम