दैनिक आगाज इंडिया 27 dec 2024 खरगोन, निमाड़ महासंघ प्रदेश के लोगों की खुशहाली, बेहतरी और तरक्की के लिए लम्बे समय से कार्यरत और प्रयासरत है। वैसे तो महासंघ के खाते में शोषित,पीड़ित और उपेक्षित जन के साथ खड़े रह कर उनको न्याय दिलाने के अभियान में अनेक उपलब्धियां दर्ज है लेकिन हाल ही में इस फेहरिस्त में सर्वोच्च न्यायालय से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को न्याय दिलाने में सफलता भी दर्ज हो गई है।काबिलेगौर हो कि निमाड़ महासंघ ने सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों का नियमतीकरण कराने उनको नियमित वेतन और पेंशन का लाभ दिलाने में सुप्रीम कोर्ट से राहत दिलाने में अहम भूमिका अदा की है। विदित होवे कि विगत दिनों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का पीड़ित प्रतिनिधि मंडल अपनी समस्या लेकर निमाड़ महासंघ के प्रमुख संजय रोकड़े और संयोजक कृष्णकांत रोकड़े से मिला था। प्रतिनिधि मंडल में शामिल पीडित कर्मचारियों ने उनके सामने अपनी तमाम परेशानियां को रखते हुए कहा कि सन् 1991 से 1996 के बीच से कार्यरत कर्मियों को आदिम जाति कल्याण विभाग में दैनिक वेतनभोगियों के रूप में कार्य करने वालों को कलेक्टर रेट पर मासिक भुगतान किया जा रहा था हमने नियमितीकरण एवं नियमित वेतन के लिए सन् 2012 में माननीय उच्च न्यायालय इंदौर से न्याय मिलने की उम्मीद से रीट पिटीशन दायर की थी खुशी की बात है कि न्यायालय द्वारा राहत प्रदान करते हुए पिटीशन दायर वर्ष 2012 से नियमित वेतन का लाभ देने का आदेश किया गया था जिससे याचिकाकर्ताओं का वेतन निर्धारण विभाग द्वारा सेवा प्रारंभ होने की दिनांक के 5 वर्ष बाद से किया गया और रिट पिटीशन दर्ज करने के वर्ष 2012 से ही नियमित वेतन के नगदीकरण का फायदा दिया गया था किंतु कुछ याचिकाकर्ताओं ने सेवा प्रारंभ होने की दिनांक के 5 वर्ष पूर्ण होने की दिनांक से नगद भुगतान का लाभ लेने हेतु पुनः सन् 2014 मे याचिका दायर कर दी जिसको माननीय हाईकोर्ट द्वारा कैलाशचंद्र तलवारे विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन एवं मध्यप्रदेश शासन विरुद्ध रेवाराम यादव के संदर्भ में स्वीकार कर लिया परन्तु शासन द्वारा विचार नहीं किया गया और नियमितीकरण हेतु एक अयोग्य ,अपात्र याचिका में पारित आदेश के आधार पर अन्य समस्त याचिकाकर्ताओं को मिल रहे लाभ को निरस्त कर उनको पुनः दैनिक वेतन भोगी बना दिया गया।पीड़ितों द्वारा अपना दुखड़ा सुनाते हुए निमाड महासंघ को बताया गया कि नौकरी पर्याप्त वेतन व पेंशन नही मिलने के चलते बच्चों को पालना पोषण और आजीविका चलाना मुश्किल हो गया है। इस प्रतिनिधि मंडल में खरगोन, बड़वानी के अनेक कर्मचारी शामिल थे। उन्होंने बताया 2018 में हमारे द्वारा पुनः इंदौर उच्च न्यायालय में आशा राठौर एवं अन्य ने रिट पिटीशन दर्ज की थी जिसमें हमें सफलता नहीं मिली ।पीडि़तों की समस्या सुनने के बाद महासंघ के संजय , कृष्णकांत ने विश्वस्त करते हुए कहा कि संगठन आपकी हर संभव मदद करेगा। इसी के साथ वे सर्वोच्चय न्यायालय के वकीलों से संपर्क साधने में जुट गए। इस दौरान रोकड़े के संपर्क में सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता माननीय द्वारकाजी सांवले आये।आपको बता दे कि माननीय अधिवक्ता द्वारकाजी को सर्वोच्य न्यायालय में संविधान पीठ के केस लडऩे में महारात हासिल है।दैनिक वेतन भोगियों के साथ हुए अन्याय की बात रखते हुए उन्हें केस लडऩे के लिए राजी कर लिया। अधिवक्ता द्वारकाजी ने तमाम बातें सुनने के बाद आशान्वित कर दिया कि वे केस लडेगें। काबिल वकील ने आशा राठौर एवं अन्य के नाम से सर्वोच्च न्यायालय में सिविल अपील नंबर 14425/2024 दायर कर दी ।
बहरहाल, दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता द्वारकाजी सांवले ने पैरवीकर्ता के रूप में केस लड़ा जिसमें माननीय न्यायाधीशद्वय श्री दीपांकर दत्ता एवं श्री संजय करोल द्वारा पारित निर्णय दिनांक 04/12/2024 के प्रकरण में गंभीर असमानता (stark dissimilarities)पाते हुए हाईकोर्ट के अपीलीय आदेश व रिट आदेश दोनों को निरस्त करते हुए निर्देशित किया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के निर्णय दिनांक 10/04/2006 “secretary, state of karnataka V. Umadevi” अंतर्गत जिनको 10/04/2006 की दैनिक वेतन भोगी सेवा अवधि 10 वर्ष हो गई उनको नियमितीकरण व नियमित वेतन का लाभ मिलेगा इस संबंध में स्वयं राज्य सरकार मध्यप्रदेश द्वारा भी 01/06/2009 को सूची जारी की गई थी । इस लाभ के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हाईकोर्ट को रिमांड रिट पिटीशन के माध्यम से याचिकाकर्ताओं की याचिका को पुनः यथाशीघ्र सुनने हेतु निर्देशित किया गया है
सर्वोच्च न्यायालय के इस आदेश से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमतिकरण के साथ ही नियमित वेतन और नगदीकरण का लाभ दिलाने में सफलता हासिल की
इस तरह की समस्या से पीड़ित दैनिक वेतनभोगियों को मदद की जरूरत हो तो 9301155180 पर निमाड़ महासंघ से मदद प्राप्त कर सकते है
इस सफलता पर कर्मचारियों ने निमाड़ महासंघ के कृष्णकांत रोकड़े और सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता द्वारका सांवले का स्वागत करते हुए आभार माना
संभागायुक्त श्री दीपक सिंह ने पद्मश्री सम्मान के लिये नामांकित कबीर गायक श्री भेरूसिंह चौहान का किया सम्मान।
दैनिक आगाज इंडिया 5 फरवरी 2025 इंदौर भारत सरकार के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री के लिये नामांकित निर्गुण लोक/कबीर गायक श्री भेरूसिंह चौहान बहुत अच्छा और कर्णप्रिय कबीर गायन करते हैं। उनका संत कबीर के प्रति गहरा समर्पण है। वे मालवा के प्रसिद्ध लोक/कबीर गायक है। ऐसे गायक को भारत सरकार का प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री के